हरियाणा सरकार ने आज से लेकर दो महीने तक कीटनाशक दवाइयों पर रोक लगा दिया है। इससे किसान व कीटनाशक विक्रेता दोनों की समस्या बढ़ गई है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ओर से जारी किए पत्र में प्रतिबंध लगाने का कारण इन कीटनाशकों से फसल पर दुष्प्रभाव होना बताया गया है।सबसे ज्यादा इन बासमती चावलों में पड़ती है वह है। निरिक्षण किया गया है की बासमती चावल का निर्यात किया जाता है। ऐसे में इन कीटनाशकों के अवशिष्ट प्रभाव के कारण कभी-कभी बासमती चावल की निर्यात खेपों को अस्वीकार कर दिया जाता है। राज्य सरकार का आदेश मिलते ही कृषि विभाग द्वारा विक्रेताओं को इन पेस्टीसाइड दवाओं की रोक को पूरी तरह प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सख्ती कर दी है।
इन कीटनाशको पर लगाया गया है रोक –
क्लोरपायरीफॉस, मेथामिडोफोस, प्रोपिकोनाजोल, थियामेथोक्सम, ट्राईसिलाजोल, प्रोफेनोफोस व आइसोप्रोथिओलेंसएसेफेट, बुप्रोफेजिन, कार्बेन्डाजिम।