हरियाणा सरकार खेतों में भरे पानी की निकासी व उसके दोबारा उपयोग के लिए 221 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके लिए योजनाएं तैयार कर ली गई हैं। बाढ़ और सूखा राहत बोर्ड की 320 योजनाओं के लिए 494 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस वर्ष बरसात के पानी को दोबारा उपयोग में लाने के लिए ज्यादा योजनाओं के क्रियान्वन पर जोर दिया गया है। इससे बाढ़ की स्थिति से निपटने के साथ-साथ भूजल रिचार्जिंग व सूखे क्षेत्रों में इस पानी का सदुपयोग किया जा सकेगा।वर्तमान सरकार ने इस बैठक को साल में जनवरी व मई महीने में दो बार करने का निर्णय लिया है, ताकि मई में किए गए कार्यों की वर्षा से पहले समीक्षा की जा सके। पिछले वर्ष क्रियान्वित योजनाओं का फायदा यमुना क्षेत्र में अब देखने को मिला है।जल भराव से फसलों में नुकसान होने से भिवानी, रोहतक, झज्जर, हिसार व सोनीपत जैसे जिलों में 650 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है। इसे ध्यान में रखते हुए अब जिन क्षेत्रों में हर वर्ष जलभराव की समस्या रहती है, उन क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से योजना बनाई जा रही हैं।