हरियाणा सरकार द्वारा परिवहन विभाग को निजी हाथों में देने का प्रयास से कर्मचारी खफा हैं। रोडवेज कर्मचारियों की मानी हुई मांगों को लागू न करने की वजह से रोडवेज विभाग की चार प्रमुख यूनियनें एक मंच पर आ गई हैं। जिसमें आल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन, रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा (हरियाणा कर्मचारी महासंघ) हरियाणा रोडवेज मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन व हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन (इंटक) शामिल हैं।
रोडवेज कर्मचारी यूनियन सांझा मोर्चा के सदस्य प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश ग्रेवाल, विनोद शर्मा, जय भगवान कादियान व नसीब जाखड़ ने यहां जारी एक सयुंक्त बयान में कहा कि 5 जनवरी 2022 को सरकार को रोडवेज कर्मचारियों का सांझा मांगपत्र भेजकर मुख्यमंत्री को बातचीत के माध्यम से मांगों को लागू करने का अनुरोध किया जाएगा।
यदि 14 जनवरी 2022 तक बातचीत के माध्यम से मांगों का समाधान नहीं किया गया। 15 जनवरी 2022 को रोहतक में चारों प्रमुख यूनियनों के कार्यकर्ताओं रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के बैनर तले सयुंक्त राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
यदि 14 जनवरी 2022 तक बातचीत के माध्यम से मांगों का समाधान नहीं किया गया। 15 जनवरी 2022 को रोहतक में चारों प्रमुख यूनियनों के कार्यकर्ताओं रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के बैनर तले सयुंक्त राज्य स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
रोडवेज में ओवर टाइम खत्म होने का असर यह है कि रात के समय बसे न के बराबर हो गई हैं, जिससे रोडवेज की आमदनी घट गई। इससे अलावा लंबे रूट भी प्रभावित हो गए। आम जनमानस, छात्र-छात्राओं को समय पर बसें ने मिलने के कारण काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।
मांगों को लागू कराने के लिए अब प्रदेशभर की आंगनबाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स करनाल में 5 जनवरी को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोंलेगी। तालमेल कमेटी की नेता और सीटू से संबधित आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हरियाणा की अध्यक्ष देवेंद्री शर्मा और महासचिव शकुंतला ने बताया कि यूनियन पहले से ही घोषित मांगों को लागू करने की मांग कर रही है
मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 29 दिसंबर की घोषणा का नोटिफिकेशन जारी किया जाए। इसके अलावा 4 साल से केंद्र सरकार की बढ़ोतरी वर्करों को 1500 रुपये और हेल्परों को 750 रुपये उसे जारी किया जाए।