हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार का भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक किसान विरोधी, गरीब विरोधी और कॉरपोरेट समर्थक है. इसे कृषि विरोधी काले कानूनों की तर्ज पर तुरंत वापस लिया जाए. मानसून सत्र में पारित इस भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक में खामियों के कारण राज्यपाल ने इसे मंजूरी नहीं दी है. कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने किसानों की जमीनों को अपने पूंजीपति मित्रों के हवाले करने के लिए यह विधेयक लाया गया था. यह सरकार किसानों को बर्बाद करने और अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है. भाजपा जजपा सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा किए गए जमीन अधिग्रहण कानून में बदलाव कर किसानों की बर्बादी का एक और नया अध्याय लिखा है. उन्होंने आगे कहा कि अब पीपीपी मोड वाले प्रोजेक्ट के लिए भी किसानों की सहमति के बिना भूमि का अधिग्रहण किया जा सकेगा. सरकार ने संशोधन के जरिए हरियाणा प्रदेश की जमीन हड़पने की तैयारी की है. लेकिन, अब जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों से सहमति नहीं ली जाएगी. इससे बड़ा अत्याचार किसानों के साथ और क्या होगा कि उनकी जमीन बिना उनकी सहमति के छीन ली जाएगी. इस संशोधन से कलेक्टर की शक्ति बढ़ जाएगी और सरकार जैसा चाहेगी वैसी मनमर्जी किसानों के खिलाफ कर पाएगी.