बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए विद्यार्थियों को स्कूल की ओर से आयोजित यूनिट टेस्ट व टर्म परीक्षा देनी अनिवार्य है। जो विद्यार्थी ऐसा नहीं करेंगे, वे बोर्ड परीक्षा से वंचित रह सकते हैं। सीबीएसई ने इस संदर्भ में सभी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देश जारी कर दिए हैं।अब देनी होंगी ऑफ लाइन परीक्षा
सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक पिछले दिनों स्कूलों की ओर से विद्यार्थियों के लिए ऑन लाइन टर्म परीक्षा व यूनिट टेस्ट का आयोजन किया गया। जो विद्यार्थी इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए, उनके लिए स्कूल संचालकों को ऑफ लाइन परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि प्रत्येक विद्यार्थी को प्रथम टर्म परीक्षा व यूनिट टेस्ट देना अनिवार्य है। इसके बिना विद्यार्थी का वार्षिक बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट जारी नहीं होता। अधिकारियों के मुताबिक दो टर्म परीक्षा और दो यूनिट टेस्ट लेने का प्रावधान है। इन चारों में से विद्यार्थी के जिन दो परीक्षा में बेहतर अंक आते हैं, तो उन्हें वार्षिक परीक्षा के रिजल्ट में जोड़ा जाता है। जिसके बाद वार्षिक रिजल्ट तैयार किया जाता है। स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल थापर कालोनी की प्रिसिपल रेनू मलिक का कहना है कि विद्यार्थियों के लिए टर्म परीक्षा व यूनिट टेस्ट अनिवार्य है। जिनका सीधा संबंध
उनके वार्षिक रिजल्ट से है। तैयारी के लिए टर्म परीक्षा व यूनिट टेस्ट जरूरी
सीबीएसई अधिकारियों का कहना है कि टर्म परीक्षा व यूनिट टेस्ट आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थी की तैयारी करवाना है। साथ ही विषयों से संबंधित उनकी समस्याओं का समाधान करना होता है। अभिभावकों ने भी इस पॉलिसी की सराहना की है। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया के जरिए साल भर विद्यार्थी तैयारी में जुटा रहता है। यूनिट टेस्ट व टर्म परीक्षा के जरिए विद्यार्थियों को अपनी काबलियत के बारे में जानकारी मिल जाती है। उसी के आधार पर विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा की तैयारी करते हैं।