दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे राजधानी में हर घंटे औसतन छह वाहन चोरी हो जाते हैं। कमाल की बात यह है कि चोर मॉडल और कलर के हिसाब से लग्जरी वाहनों के अलावा बुलेट और स्पोर्ट्स बाइक तक चोरी कर रहे हैं। दूसरे राज्यों में बैठे लोग वाहन चोरों को बस कार का कलर और मॉडल बताते हैं।
चोर उस मॉडल की कार की रैकी कर उसे उड़ा ले जाते हैं। इन वाहनों को बड़े ही आराम से उत्तर पूर्वी राज्यों के अलावा नेपाल तक भेज देते हैं। मजे की बात यह है कि वाहन चोरी के आंकड़े बजाए घटने के दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे हैं।
पिछले साल एक जनवरी से 31 अक्तूबर के बीच की समय अवधि में वाहन चोरी का आंकड़ा हर घंटे में पांच वाहन चोरी करने का था, जो अब बढ़कर छह हो गया है। दिल्ली पुलिस ने मामलों में अब तक पिछले दस माह के दौरान 5212 लोगों को गिरफ्तार कर कई बड़े वाहन चोरों के गैंग का पर्दाफाश किया है।
दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2019 में एक जनवरी से 31 अक्तूबर के बीच अब तक 39065 वाहन चोरी हो चुके हैं। इसका अगर औसत निकाला जाए तो रोजाना करीब 130 से अधिक वाहन चोरी हो जाते हैं। इस अवधि के दौरान वर्ष 2018 में औसतन 38694 वाहन चोरी हुए थे। इस आंकड़े के अनुसार रोजाना औसतन करीब 128 से अधिक वाहन रोजाना चोरी हो रहे थे। वहीं यदि हम 2017 के आंकड़ो की बात करे तो पूरे साल में (एक जनवरी से 31 दिसंबर के बीच) कुल 40972 वाहन चोरी हुए थे। इसका हर दिन का औसत देखें तो वह 113 वाहन रोजाना चोरी का था।
आंकड़ों पर गौर करें तो वाहन चोरी की घटनाओं पर बजाए लगाम लगने के वह बढ़ती ही जा रही है। वहीं मामले पर दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर इलाके के लोग बड़ी संख्या में दिल्ली आकर अपने वाहन चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा देते हैं, जिससे दिल्ली में वाहन चोरी का आंकड़ा बढ़ जाता है।
वाहन चोरी के पिछले सालों के कुछ आंकड़े :
साल आंकड़े
2019 39065
2018 46433
2017 40972
2016 38644
2015 32729
2014 23384
2013 14916
(वर्ष 2019 के आंकड़े एक जनवरी से 31 अक्तूबर तक के ही हैं)