हरियाणा में राजीव व इंदिरा गांधी ट्रस्ट की संपत्तियों की होगी जांच, विज बोले- ईडी को भेजेंगे जानकारी

हरियाणा में राजीव गांधी फाउंडेशन राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट को आवंटित जमीन की जांच होगी। गृह मंत्री विज ने कहा कि इसका रिकार्ड ईडी को सौंपा जाएगा                                             

राजस्थान में गहराए सियासी संकट के बीच हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट को हरियाणा में आवंटित जमीन के रिकार्ड खंगालने के आदेश दिए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते दिनों इन ट्रस्टों को देश भर में आवंटित जमीनों का रिकॉर्ड जुटाने के लिए कमेटी गठित की है। उसने ही हरियाणा से भी आवंटित जमीनों का ब्योरा मांगा है। वहीं, इस पर गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि इसकी जानकारी एकत्रित कर प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भेजी जाएगी।

बता दें, 2004 से 2014 तक हरियाणा में कांग्रेस सत्ता में रही, इसलिए सरकार को अंदेशा है कि इन ट्रस्ट को हरियाणा में भी खास लोकेशन पर एनसीआर व अन्य जगह जमीनें आवंटित की गई होंगी। केंद्रीय कमेटी के रिकॉर्ड तलब करने पर सरकार ने तीनों ट्रस्ट को दी जमीनों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी है।

मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन राय को पत्र लिखकर जल्द से जल्द प्रदेश में तीनों ट्रस्टों को दी गई जमीन के बारे में रिकॉर्ड सहित बताने को कहा है। मुख्य सचिव ने पूछा है कि क्या इन ट्रस्ट को प्रदेश में कोई जमीन दी गई है। अगर दी गई है तो कहां-कहां व कितनी जमीन मिली है।

शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसएन राय ने विभाग के तमाम अधिकारियों को पूरे प्रदेश में जल्द से जल्द जानकारी मुहैया कराने के आदेश दे दिए हैं। शुक्रवार से ही रिकॉर्ड खंगालने का काम शुरू हो गया है। हाल ही में राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन के दूतावास से फंड मिलने का खुलासा होने के बाद तीनों ट्रस्ट को देश भर में आवंटित जमीनों की भी जांच शुरू की गई है।

हरियाणा सरकार के पास प्राथमिक सूचना है कि गुरुग्राम में कांग्रेस से जुड़े ट्रस्ट को जमीन आवंटित हुई है। कांग्रेस शासनकाल में ही भूमि आवंटन किया गया है। गुरुग्राम के अलावा अन्य किन-किन जिलों में जमीन दी गई है, जल्दी इसका खुलासा हो सकता है। चूंकि, एजेएल भूमि आवंटन मामले में पहले ही मामला अदालत में विचाराधीन है। रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ डील को लेकर भी कांग्रेस सवालों के घेरे में रही है।

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