दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर हैं। सभी राजनीतिक दल जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। इस बीच ट्वीटर वार भी चल रहा है। ट्वीटर पर प्रमुख दलों आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से बुधवार को ट्वीट कर आम आदमी पार्टी और सीएम केजरीवाल की जमकर आलोचना की। कांग्रेस ने ट्वीट किया, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का एलान करके अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी सत्ता पाते ही सारे आदर्श भूल गई। एक अन्य ट्वीट करके कांग्रेस ने कहा कि सीएम से रोजगार और मूलभूत सुविधाओं के बारे में उम्मीद नहीं की जा सकती। क्योंकि सरकार के मुखिया के पास पिटते हुए छात्रों से मुलाकात की भी समय नहीं है।
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ट्वीट कर सीएम केजरीवाल की निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में कोई नया स्कूल नहीं बनाया गया है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। भ्रष्टाचार से लड़ने वाले नेताओं को पार्टी से निकाला गया।
दरअसल सीएम केजरीवाल ने ट्वीट कर भाजपा और कांग्रेस की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि विपक्षी दल एकजुट होकर उन्हें हराना चाहते हैं। एक ओर भाजपा, जेडीयू, एलजेपी, जेजेपी, कांग्रेस और आरजेडी हैं वहीं दूसरी तरफ स्कूल, अस्पताल, पानी, बिजली, फ्री महिला यात्रा और दिल्ली की जनता है। उनका मकसद भ्रष्टाचार को हराना है जबकि विपक्षी दल का मकसद उन्हें हराना है।
नामांकन के दौरान भी ट्वीटर वार
इससे पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नामांकन के लिए जब तक निर्वाचन कार्यालय में इंतजार किया तब तक भाजपा और आप नेताओं व कार्यकर्ताओं के बीच ट्विटर पर जंग छिड़ी रही। आप के ग्रेटर कैलाश से प्रत्याशी सौरभ भारद्वाज ने निर्वाचन अधिकारी पर जानबूझकर मुख्यमंत्री को देर से समय देने का आरोप लगाया।
वहीं भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना ने ट्विटर पर लिखा तुम क्या चाहते हो कि आम जनता या कोई और लोग केजरीवाल के खिलाफ पर्चा दाखिल न करें। तुम लोग तो वीआइपी कल्चर के खिलाफ थे। अरविंद जी को अगर इंतजार करना पड़ रहा है, तो तुम्हें इसमें भी भाजपा की चाल नजर आ रही है।
सिसोदिया ने भी भाजपा पर साधा निशाना
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने लिखा कि भाजपा वालों, चाहे जितनी साजिश कर लो, अरविंद केजरीवाल को न नामांकन से रोक पाओगे और न ही तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने से। तुम्हारी साजिश कामयाब नही होंगी। हालांकि, इस सब के बीच देरी को लेकर केजरीवाल ने कोई आपत्ति नहीं जताई। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि नामांकन करने में पहली बार पर्चा भर रहे हैं। इसलिए गलतियां हो रही हैं। हमने भी पहली बार गलतियां की थी। देरी से परेशान होने की जगह उन्होंने कहा कि मैं इसका लुत्फ ले रहा हूं, ये सभी मेरे परिवार का हिस्सा हैं
चुनाव आयोग ने भी बयान जारी कर कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह की बातें हो रही है कि एक-एक उम्मीदवार को 30-35 मिनट का समय दिया जा रहा। यह भ्रामक है, क्योंकि नामांकन का एक तय मानक है, उसके मुताबिक ही निर्वाचन अधिकारी ने नामांकन प्राप्त किया। नियमानुसार एक उम्मीदवार नामांकन की चार प्रतियां जमा कर सकता है। इनकी जांच में भी समय लगता है।