श्रीनगर। केंद्र के ‘आउटरीच कार्यक्रम’ में केंद्रीय मंत्री जम्मू-कश्मीर के दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचेंगे। वहीं, आतंकवाद के गढ़ रहे दक्षिण कश्मीर की बारी कार्यक्रम के दूसरे चरण में आएगी। तब इस कार्यक्रम का पूरा ध्यान केवल दक्षिण कश्मीर पर केंद्रित रहेगा। इसमें गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जैसे दिग्गज मंत्री पहुंचेंगे।
विकास व खुशहाली का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश लेकर 36 केंद्रीय मंत्री 18 जनवरी से जम्मू संभाग के दूरदराज क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। पांच केंद्रीय मंत्री कश्मीर पहुंचेंगे। इनका दौरा श्रीनगर, गांदरबल व बारामुला के सोपोर तक सीमित रहेगा। दरअसल, दक्षिण कश्मीर में फिलहाल इन मंत्रियों का नहीं जाना सरकार की नीति का हिस्सा है। दूसरे चरण में जोर केवल दक्षिण कश्मीर पर होगा। वैसे भी, मौजूदा हालात और गणतंत्र दिवस के मद्देनजर सरकार कोई जोखिम उठाना नहीं चाहती है।
मंगलवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कश्मीर से शुरुआत की। वह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हैं। सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद 23 और 24 जनवरी को बारामुला में रहेंगे। वह सोपोर का भी दौरा करेंगे। रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाईक 23 जनवरी को, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 24 जनवरी को और गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी 22 जनवरी को गांदरबल और 23 जनवरी को मनीगाम का दौरा करेंगे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के चार जिलों के अलावा उत्तरी कशमीर के कुपवाड़ा और बांडीपोर व सेंट्रल कश्मीर के बड़गाम में केंद्रीय मंत्रियों का दौरा तय नहीं है। सूत्रों के अनुसार दक्षिण कश्मीर सहित कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों को आउटरीच कार्यक्रम-2 में रखा गया है। इसमें केंद्र के बड़े नेताओं के पहुंचने की संभावना है। गृहमंत्री अमित शाह भी इसमें शामिल होंगे। दूसरा चरण मार्च में होगा। अभी कश्मीर के कई हिस्सों में भारी बर्फबारी हुई है। अगले चरण में केंद्र का पूरा ध्यान दक्षिण कश्मीर पर रहेगा, जिसकी युवा पीढ़ी को आतंकवाद ने सर्वाधिक प्रभावित किया। यहां रणनीति के तहत दक्षिण कश्मीर के हर क्षेत्र की समस्या को तेजी से हल किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार से लेकर राज्य प्रशासन की मशीनरी जुटेगी।
दक्षिण कश्मीर में आतंक के पनपने के कई कारण रहे हैं। शिक्षा, बेरोजगार और विकास के नाम पर यहां कुछ नहीं हुआ। इसका फायदा जमात-ए-इस्लामी से लेकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसएआइ ने उठाया और यहां के युवाओं को बरगलना शुरू किया। कश्मीर के नौजवान जिनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं था उन्होंने कलम की जगह बूंदक उठा ली। दक्षिण कश्मीर पर्यटनस्थल से लेकर बागवानी और कृषि के लिए बड़ा स्नोत रहा है। यहां के सेब, केसर और मेवे दुनियाभर में मशहूर हैं। पर्यटन की बात करें तो श्री अमरनाथ यात्र सहित कई पर्यटनस्थल हैं। अब सरकार का पूरा ध्यान पर्यटन और बागवानी पर भी होगा।
अब भी सक्रिय हैं कई आतंकी
वर्ष 2016 से ही दक्षिण कश्मीर में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है। दक्षिण कश्मीर में चार जिले अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां व पुलवामा शामिल हैं। इन्हीं चार जिलों में 180 नामी आतंकी सक्रिय हैं। मौजूदा वर्ष जनवरी में इन जिलों में सुरक्षाबलों ने विभिन्न मुठभेड़ों में छह आतंकियों को मार गिराया है। इनमें तीन आतंकी सोमवार को ही मारे गए हैं। गत दिनों कुलगाम में डीएसपी देविंदर संग पकड़ा गया। दुदार्ंत आतंकी नवीद दक्षिण कश्मीर में जिला शोपियां का ही रहने वाला है।