कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव-2020 के मद्देनजर मंगलवार सुबह बाकी बची 5 सीटों पर भी प्रत्याशियों के नामों का एलान किया है। इसी के साथ कांग्रेस ने सभी 66 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं, बाकी बची चार सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल अपने प्रत्याशी उतार रही है।
इससे पहले कांग्रेस ने बची हुई 12 विधानसभा सीटों में से सात पर सोमवार देर रात उम्मीदवार घोषित कर दिए। नई दिल्ली सीट पर आप प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल के खिलाफ रोमेश सब्बरवाल को उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी के वरिष्ठ एवं पुराने कार्यकर्ता रोमेश सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी के बेटे हैं और दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
राजद ने भी चारों सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार
कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत मिली चारों सीटों पर राजद ने भी सोमवार रात उम्मीदवार घोषित कर दिए। बुराड़ी से प्रमोद त्यागी, किराड़ी से डॉ. मोहम्मद रियाजुददीन खान, उत्तम नगर से शक्ति कुमार बिश्नोई और पालम से निर्मल कुमार सिंह को टिकट दिया गया है।
पिछले लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले पूर्व विधायक भीष्म शर्मा बीच चुनाव में भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने भाजपा के साथ रहने की प्रतिज्ञा भी ली थी। लेकिन यह प्रतिज्ञा आठ महीने के भीतर टूट गई।
घोंडा से मिला अजय महावर को टिकट
दरअसल, घोंडा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा जिलाध्यक्ष अजय महावर को टिकट मिलने के बाद भीष्म शर्मा ने कांग्रेस के प्रदेश नेताओं से संपर्क साधा और टिकट पा गए। तीन दिन के भीतर ही वह न सिर्फ कांग्रेस में शामिल हो गए बल्कि घोंडा से उम्मीदवार भी बन गए। लेकिन, पिछले आठ महीने से घोंडा में कांग्रेस को जीवित रखने वाले और इस चुनाव में टिकट का दावा कर रहे नेताओं को इससे बड़ा झटका लगा है। उन्होंने भीष्म शर्मा का विरोध शुरू कर दिया है। ऐसे में भीष्म शर्मा की राह यहां काफी मुश्किल दिख रही है।
एक दिन पहले तक घोंडा से बीसी वशिष्ठ और चौधरी नत्थू नंबरदार टिकट की दौड़ में सबसे आगे थे। लेकिन, सोमवार को भीष्म शर्मा बाजी मार ले गए। बीसी वशिष्ठ ने कहा कि जिस व्यक्ति ने लोकसभा चुनाव में दिवंगत नेता शीला दीक्षित के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया हैं, उसे पार्टी में कैसे लिया जा सकता है। यह चुनाव पार्टी शीला दीक्षित के 15 साल के विकास कार्यों को आधार बनाकर लड़ रही है। वहीं चौधरी नत्थू नंबरदार का कहना है कि भीष्म शर्मा ने हमेशा पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। पांच चुनाव हारने वाले और भाजपा से भगाए गए नेता पर पार्टी ने भरोसा कर जनता के साथ धोखा किया है। भीष्म का विरोध करने वालों में चौधरी सुरेंद्र सिंह, विनय कुमार, सतीश बेदी, विपिन हमरोल, महक सिंह जाटव, रविंद्र ढल्ला आदि शामिल हैं।