बिहार की तरह दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए दिल्ली में भी भारतीय जनता पार्टी, जनता दल युनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी में गठबंधन हुआ है। यही वजह है कि जदयू के दो वरिष्ठ नेताओं प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को सीएए-एनआरसी समेत केंद्र की एनडीए सरकार के कुछ फैसलों पर सवाल उठाने की कीमत चुकानी पड़ी है। जदयू के सुप्रीमो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दोनों वरिष्ठ नेताओं को पार्टी की स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर रखा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जदयू के स्टार प्रचारकों की सूची में पीके और पवन वर्मा शामिल नहीं हैं।
जदयू के साथ भाजपा ने दिल्ली में किया है गठबंधन
भाजपा के साथ जदयू चुनावी गठबंधन में इस बार दिल्ली में चुनाव लड़ रहा है। इस साल के अंत में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और जदयू के बीच दिल्ली में चुनावी गठबंधन महत्वपूर्ण है। दिल्ली में चुनावी रणनीति में अहम भूमिका दिया जाना जदयू नेताओं के लिए भी मायने रखता है।
जदयू की स्टार प्रचारकों की सूची में पीके के मुखर आलोचक आरसीपी सिंह के साथ जदयू महासचिव संजय झा और राजीव रंजन सिंह लल्लन जैसे सभी वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पीके और पवन वर्मा दोनों संसद से पारित होने के बाद सीएए को लेकर सवाल उठा चुके हैं तो एनआरसी और एनपीआर का खुला विरोध कर रहे हैं।
वहीं, दिलचस्प यह भी है कि जदयू दिल्ली में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहा है, तो प्रशांत किशोर जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होते हुए भी अपनी कंपनी के जरिये आम आदमी पार्टी की चुनावी रणनीति को दिशा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।