महाराष्ट्र के पाथरी काे साईं बाबा का जन्मस्थल बताए जाने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ चल रहा बंद रविवार आधी रात से स्थगित कर दिया गया। यह ऐलान शिर्डी से शिवसेना सांसद सदाशिव लोखंडे ने रविवार को स्थानीय लोगों के साथ बैठक के बाद किया। लाेखंडे ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सोमवार को मुंबई में एक बैठक बुलाई है। शिर्डी के पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कैलास कोते ने बताया कि यदि बैठक में सकारात्मक निर्णय नहीं आता है तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा।
मुंबई में मंत्रालय में आयोजित बैठक में शिर्डी वासियों के साथ सांसद सदाशिव लोखंडे और विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थल बताते हुए इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया था।
बंद पर किसने-क्या कहा?
इस पूरे विवाद पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने रविवार को कहा, ‘जो विवाद चल रहा है, उसको राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है। इसे शांति के साथ सुलझाया जाए।’ इसके जवाब में भाजपा विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा- ‘मुख्यमंत्री ने साईं जन्मस्थल के बारे में बयान देकर भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। वे अपना बयान वापस लें।’ भाजपा नेता राम शिंदे ने कहा- ‘इस विवाद में राजनीतिक षड्यंत्र है। मुख्यमंत्री ने साईं जन्म स्थल के बारे में जो बयान दिया है, वे उसे वापस ले।’
बाबा सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे
साईं मंदिर के पूर्व ट्रस्टी अशोक खांबेकर का कहना है कि साईं बाबा ने कभी भी अपने जन्म, धर्म पंथ के बारे में किसी को नहीं बताया। बाबा सर्वधर्म-समभाव के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को गलत जानकारी दी गई है। खांबेकर का कहना है कि मुख्यमंत्री पहले साईं सत चरित्र का अध्ययन करें और उसके बाद कोई फैसला लें।
रविवार को बंद से भक्तों को उठानी पड़ी परेशानी
मुख्यमंत्री के बयान से नाराज शिर्डी वासियों ने रविवार को बेमियादी बंद रखा। रात-दिन खुला रहने वाला शिर्डी आवश्यक सेवाओं को छोड़कर पूरी तरह बंद नजर आया। जिसके चलते साईं भक्तों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। द्वारकामाई से शहर में सद्भावना रैली निकाली गई। इसमें शामिल लोगों के हाथे में पोस्टर थे, जिनमें लिखा था ‘हमारी श्रद्धा पर हमला नहीं सहेंगे।’ हालांकि, इस बंद से शिर्डी का साईं मंदिर अलग था। देर रात तक भक्त यहां दर्शन के लिए पहुंचे। ज्यादा दिक्कत दूसरे शहरों से आए भक्तों को हुई।