निर्भया के दोषी पवन गुप्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 20 जनवरी को सुनवाई होगी। इस याचिका में दोषी पवन गुप्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें अदालत ने उसे 2012 में नाबालिग मानने से इनकार कर दिया था।
हाईकोर्ट खारिज कर चुका है याचिका
निर्भया केस में एक बार फिर दोषी पवन गुप्ता ने अपराध के वक्त खुद को नाबालिग होने का दावा किया है। इसके लिए पवन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (एसएलपी) दाखिल की है। पवन का कहना है कि अपराध के वक्त वह नाबालिग था और दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस तथ्य की अनदेखी की है।
मालूम हो कि 19 दिसंबर को हाईकोर्ट ने पवन गुप्ता की उस अपील को खारिज कर दिया था जिसमें उसने अपने आप को नाबालिग बताया था। वहीं राष्ट्रपति ने आज ही निर्भया के दोषी मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी है।
राष्ट्रपति ने 12 घंटे के भीतर खारिज की मुकेश की दया याचिका
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया दुष्कर्म और हत्या के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रपति ने यह फैसला गृहमंत्रालय की ओर से भेजी गई सिफारिश के 12 घंटे केभीतर ही ले लिया। गृहमंत्रालय ने बृहस्पतिवार शाम को अपनी तरफ से भी यह दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की थी।मुकेश इस मामले के अन्य तीन दोषियों के साथ तिहाड़ जेल के विशेष वार्ड में बंद है। नीचली अदालत ने अब इन चारों को 1 फरवरी को सुबह छह बजे फांसी पर लटकाने का नया आदेश दिया है। पहले इन्हें 22 जनवरी को फांसी देनी थी। लेकिन मुकेश और विनय कुमार के क्यूरेटिव पेटीशन और मुकेश की दया याचिका के चलते फांसी की तारीख आगे बढ़ानी पड़ी।
जानकारों के मुताबिक अब मुकेश के माफीनामें के सभी विकल्प खतम हो चुके हैं। लेकिन बाकी तीन दोषी राष्ट्रपति के पास दया याचिका के लिए जा सकते हैं। इस स्थिति में फांसी की तारीक फिर बढाई जा सकती है।