दुर्ग न्यायालय परिसर से फैमिली कोर्ट शिफ्टिंग विवाद के चलते वकील और न्यायाधीश आमने-सामने हो गए हैं। हड़ताली वकीलों का जजों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करना भारी पड़ता नजर आ रहा है। दुर्ग जिला न्यायाधीश गोविंद मिश्रा के पत्र काे संज्ञान में लेते हुए शुक्रवार को बिलासपुर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं। इसके लिए राज्य शासन को निर्देश दिया गया है। साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा है कि दुर्ग मजिस्ट्रेट आरोपी वकीलों को जमानत नहीं दे सकेंगे। जमानत मामलों की सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच में होगी।
जजों व पक्षकारों को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश, पुलिस कम पड़े तो बाहर से बुलाएं फोर्स
- चीफ जस्टिस ने जजों से अभद्रता को लेकर सख्त रूख अपनाया है। उन्होंने आंदोलन के दौरान जजों के लिए अपशब्द का प्रयोग करने वाले वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही कोर्ट परिसर में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि जरूरत पड़े तो बाहर से फोर्स बुलाएं। फैमिली कोर्ट जाने वाले पक्षकारों, जजों को सुरक्षा प्रदान करें। कोई रोकता है या दबाव बनाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर करें। इसके साथ ही कोर्ट ने स्टेट बार काउंसिल, छत्तीसगढ़ स्टेट बार एसोसिएशन, दुर्ग बार एसोसिएशन को पार्टी बनाते हुए उनसे 22 जनवरी को उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने कहा है।
- फैमिली कोर्ट को सिविल लाइन में स्थानांतरित करने के विरोध में वकीलों का आंदोलन चौथे दिन शुक्रवार केा भी जारी रहा। इससे पहले गुरुवार को सांसद विजय बघेल भी अनिश्चितकालीन हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे। उन्होंने न्यायालय परिसर से सिविल लाइन स्थित नई फैमिली कोर्ट तक पैदल मार्च किया। इस दौरान सांसद विजय ने कहा, अधिवक्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल में अपनी मांगों को लेकर काफी मुखर रहे। फैमिली कोर्ट का स्थानांतरण जब तक वापस नहीं होगा। तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आरोप है कि इस प्रदर्शन के दौरान ही अधिवक्ताओं ने जजों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोेग किया था।