लाल बहादुर शास्त्री के पोते और द्वारका विधानसभा सीट से आप विधायक आदर्श शास्त्री का इस बार आप ने टिकट काट दिया है। इस बात से दुखी आदर्श शास्त्री ने अन्ना आंदोलन के वक्त को याद करते हुए कुछ दिल की बातों को शेयर किया। उन्होंने कहा कि अन्ना आंदोलन के समय पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोग उठ खड़े हुए थे। उस दौरान मैं एप्पल कंपनी में डेढ़ करोड़ रुपये सालाना के पैकेज पर वे काम कर रहा था।
भ्रष्टाचार के आंदोलन से मैं भी जुड़ा
उन्हें लगा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हो रहे आंदोलन से मुझे भी जुड़ना चाहिए और नौकरी छोड़कर मैं अरविंद केजरीवाल के साथ जुड़ गया। मैंने अपनी काबिलियत के हिसाब से बेहतर कार्य करने का प्रयास किया। आम आदमी पार्टी के गठन के बाद भी उसका सक्रिय सदस्य था और पार्टी ने मुझे 2015 में द्वारका विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया।
पार्टी बताए मेरी गलती
मुझे जीत मिली और पिछले पांच वर्षो के दौरान इलाके में कई विकास कार्य कराए। इस बार मेरा टिकट कट गया। मुझे इस बात का गहरा धक्का लगा है। बहुत दुखी हूं और यही सोच रहा हूं कि मुझसे ऐसी गलती क्या हो गई, जिस कारण पार्टी ने टिकट देने के लायक भी नहीं समझा। पार्टी को यह बताना चाहिए कि मुझसे गलती कहां हुई है।
सर्वे की है हर जगह चर्चा
उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि पार्टी ने सर्वे कराया है। उस सर्वे में क्या आया, इस बात की जानकारी मुझे मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझसे कहां गलती हुई है, अगर इस बात का पता नहीं चलेगा तो फिर मुझमें सुधार कैसे होगा।
महाबल मिश्र को 67 हजार वोटों से हराया
दुख इस बात का हो रहा है कि 2015 के चुनाव में विनय मिश्र के पिता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महाबल मिश्र को मैंने करीब 67 हजार वोटों से हराया था। अब महाबल मिश्र के बेटे विनय मिश्र आम आदमी पार्टी में पिछले दिनों शामिल हुए हैं। ऐसे में वे मुझसे बेहतर प्रत्याशी कैसे हो सकते हैं। इस बात का भी जवाब मुझे नहीं मिल रहा है। मेरे काम से द्वारका विधानसभा क्षेत्र की जनता काफी खुश है।