निर्भया केसः दोषियों को फांसी देने के लिए तिहाड़ फिर कोर्ट के आदेश पर निर्भर

निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन एक बार फिर कोर्ट के आदेश पर निर्भर हो गया है। राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने की बात कहकर मामले में एक दोषी मुकेश सिंह ने निचली अदालत से जारी डेथ वारंट को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए बुधवार को हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को निचली अदालत में जाने के लिए कहा है। तिहाड़ जेल प्रशासन का कहना है कि अदालत के फैसला आने के बाद ही अब वह आगे की कार्रवाई करेंगे।

पटियाला हाउस कोर्ट ने सात जनवरी को निर्भया के चारों दोषियों विनय, पवन, मुकेश और अक्षय का डेथ वारंट जारी कर फांसी की तारीख तय कर दी थी। अदालत ने चारों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी देने के लिये कहा था। जेल प्रशासन का कहना है कि मंगलवार को दोषी मुकेश ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजकर सजा कम करने की मांग की है। अगर दया याचिका खारिज भी होती है तो भी फांसी से पहले दोषी को 14 दिन का वक्त दिया जाता है। जेल प्रवक्ता राजकुमार का कहना है कि अदालत जो भी फैसला देगी जेल प्रशासन उसके मुताबिक काम करेगा।

निर्भया के दोषी मुकेश से मिलने जेल पहुंची उसकी मां 

निर्भया मामले के दोषी मुकेश से मिलने के लिए बुधवार को उसकी मां जेल गयी। जनवरी माह में उसकी मां की यह दूसरी मुलाकात है। जेल सूत्रों का कहना है कि मुकेश की मां ने उससे केस के बारे में पूछा। करीब आधे घंटे की मुलाकात के बाद उसकी मां चली गई। मां से मुलाकात के बाद मुकेश कुछ देर तक शांत रहा। जेल अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल दोषियों को परिवार वाले से मिलने में कोई रोक टोक नहीं है। वह सप्ताह में दो बार दोषियों से मिल सकते हैं। मंगलवार को विनय के पिता उससे मिलने आए थे।

जेल अधिकारियों के मुताबिक अभी परिवार वालों से अंतिम बार मुलाकात करने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। ऐसे में परिवार वाले दोषियों से मिल सकते हैं। नवंबर माह के बाद से अक्षय की अपने परिवार वालों से मुलाकात नहीं हुई है। नवंबर माह में उसकी पत्नी उससे मिलने जेल आई थी। हालांकि अक्षय की अपने परिवार वालों से फोन पर लगातार बातचीत हो रही है।

निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने के लिये तिहाड़ जेल में फांसी घर तैयार हो गया है। पहले यहां केवल दो लोगों को फांसी देने की व्यवस्था थी। उसी के बगल में दो अन्य दोषियों को फांसी देने के लिए प्लेटफार्म तैयार कर लिया गया है। अब निर्भया के चार दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी लेकिन इसके लिए जल्लाद को दो लीवर खींचने पड़ेंगे।

तिहाड़ जेल में अब तक चार दोषियों को एक साथ फांसी देने की व्यवस्था नहीं थी जबकि निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ फांसी देनी थी। इसके मद्देनजर जेल प्रशासन ने 25 लाख रुपये की लागत से फांसी घर में नये प्लेटफार्म का निर्माण करवाया। जेल के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पुराने फांसी घर में ही एक नया प्लेटफार्म तैयार किया गया है, जिस पर दो और दोषियों को फांसी देने की व्यवस्था की गई है। तिहाड़ जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि चारों दोषियों मुकेश, पवन, विनय और अक्षय को एक साथ फांसी पर लटकाने की व्यवस्था कर ली गई है।

अपराध के तीन साल बाद दोषियों ने जेल में शुरू की थी पढ़ाई

जेल सूत्रों के अनुसार निर्भया के चारों दोषियों ने अपराध करने के तीन साल बाद जेल में पढ़ाई शुरू कर दी थी। वर्ष 2015 में दोषी विनय ने बीए में दाखिला लिया था लेकिन वह उसे पूरा नहीं कर पाया। इसी तरह वर्ष 2016 में मुकेश, पवन और अक्षय ने ओपन स्कूल में दसवीं कक्षा में दाखिला लिया था। पढ़ाई करने के बाद तीनों दोषियों ने परीक्षा भी दी थी लेकिन पास नहीं हो पाए। उसके बाद सभी ने पढ़ाई छोड़ दी। जेल सूत्रों ने बताया कि विनय ने पेंटिंग में भी हाथ आजमाया था लेकिन उसमें भी वह कामयाब नहीं हो पाया।

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