महाराष्ट्र के पीएमसी बैंक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बेंगलुरु स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक पर पाबंदी लगा दी है। आरबीआई ने लेन-देन में कथित अनियमितताओं को लेकर बैंक पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की है।अब यह बैंक किसी भी तरह का लोन नहीं दे पाएगा। साथ ही इस बैंक के ग्राहक अब मात्र 35,000 रुपये तक ही निकासी कर सकेंगे।
बैंक का लेन-देन प्रतिबंधित
रिजर्व बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 10 जनवरी 2020 को लेन-देन बंद होने के बाद इस बैंक से किसी भी तरह का कर्ज और अग्रिम अनुदान या नवीनीकरण नहीं होगा। आरबीआई ने यह पाबंदी बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 की धारा 35ए के तहत लगाई है। इसके तहत आरबीआई को यह अधिकार है कि वह किसी भी बैंक के खिलाफ अनियमितता की शिकायत पर ऐसी कार्रवाई कर सकता है। इसके तहत आरबीआई ने तत्काल प्रभाव से बैंक का लेन-देन प्रतिबंधित कर दिया है।
पैसा लौटाने को तैयार है बैंक
आरबीआई ने इस फैसले पर कहा है कि यह बैंक अब लोगों ने नया ऋण भी जारी नहीं कर सकता, साथ ही इस बैंक में नए निवेशों की इजाजत छह महीने के लिए रोक दी गई है। बैंक के चेयरमैन रामाकृष्णा ने कहा कि अगर आरबीआई बैंक से प्रतिबंध कल हटाए तो हम सभी खाताधारकों का पैसा लौटाने में सक्षम हैं। हमने सिर्फ 54 फीसदी पैसा लोन पर दिया है। बाकी राशि बैंक के पास नकद जमा है।
बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने की अपील
आरबीआई की पाबंदी के बाद बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने एक ट्वीट किया है। उन्होंने बैंक के जमाकर्ताओं से शांत रहने के लिए अपील की है। सूर्या ने लिखा कि मैं बैंक के जमाकर्ताओं को आश्वासन दिलाना चाहता हूं कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं। वित्त मंत्री को इस मामले से अबगत कराया गया है और वह इस मुद्दे की निगरानी कर रही हैं।
बैंक के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य
- 9000 अकाउंट हैं इस समय बैंक में
- 10 ब्रांच हैं बेंगलुरु में इस बैंक की
- 1997 में हुई थी इस बैंक की शुरुआत
- 2017-19 में सबसे कम 0.45% एनपीए होने का दावा किया था बैंक ने
- 2018 में बैंक को एनपीए मैनेजमेंट अवार्ड से नवाजा गया था