कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई का गानों, कविता-शायरी और भाषणों के माध्यम से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शहर के बीचो-बीच रानी रशोमोणि एवेन्यु में धरना जारी है।मंगलवार को पांचवें दिन हो गए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी भी शनिवार को धरना स्थल पर आयी थीं। तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के प्रदर्शनकारी सीएए और एनआरसी के खिलाफ पोस्टर और तख्तियां लिए हुए थे। उन्होंने नए नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग की है।
तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) के प्रदर्शनकारी सीएए और एनआरसी के खिलाफ पोस्टर और तख्तियां लिए हुए थे। उन्होंने नए नागरिकता कानून को वापस लेने की मांग की है। टीएमसीपी नेताओं ने कहा कि उनका प्रदर्शन नयी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हुई हिंसा के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि एनआरसी, सीएए और एनपीआर ना केवल मुस्लिमों के खिलाफ भेदभावजनक है बल्कि गरीबों, कामकाजी लोगों और छात्रों के भी खिलाफ है। आजादी के इतने वर्षों बाद हमें अपनी नागरिकता साबित करने की क्यों जरूरत है। टीएमसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि हम युवाओं के लिए नौकरी और गरीबों के लिए भोजन चाहते हैं। कौन भारतीय है और कौन नहीं इस पर खुद को व्यस्त रखने की बजाए केंद्र को इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
जानकारी हो कि माकपा संबद्ध स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने सीएए के खिलाफ धरना देने के लिए टीएमसीपी का मजाक उड़ाते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक कर कानून के खिलाफ लड़ाई से समझौता कर लिया। एसएफआई के प्रदेश सचिव ने कहा कि एक तरफ तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी विपक्ष की बैठक में भागीदारी न करके प्रधानमंत्री मोदी से मिल रही हैं और दूसरी तरफ टीएमसीपी विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि यह और कुछ नहीं नौटंकी है, जो कि जनता के सामने उजागर हो चुकी है।