दिल्ली विस चुनाव के मद्देनजर ओपिनियन पोल देखकर ‘आप’ रिवाइवल मोड में आ गई और फिर चंडीगढ़ में इतना बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। दरअसल, बिजली के बढ़ते दामों को लेकर चंडीगढ़ में आंदोलन के दौरान आम आदमी पार्टी लंबे अरसे बाद अपनी रौ में नजर आई। काफी समय बाद ‘आप’ नेताओं और वर्करों में पहले जैसा जोश नजर आया।
पिछले साल ‘आप’ गुटबाजी से ही जूझती रही। सुखपाल खैरा ने अपनी पार्टी बना ली। दो विधायक ‘आप’ छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव में भी भगवंत मान के अलावा कहीं भी किसी का भी अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा था। इससे पार्टी के वालंटियर लगातार निराश हो रहे थे। ‘आप’ जमीनी स्तर पर कोई बड़ा आंदोलन नहीं कर सकी थी, जिससे वालंटियर उत्साहित रहें।
लेकिन हाल ही में दिल्ली से कुछ अच्छी खबरें आईं। फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान ओपिनियन पोल ‘आप’ को स्पष्ट बहुमत दिखा रहे हैं। वहां पार्टी पूरे आत्मविश्वास के साथ चुनाव मैदान में उतर चुकी है। जबकि, प्रमुख विरोधी भाजपा अभी जमीन पर कहीं नजर नहीं आ रही है। अब तक भाजपा न सीएम फेस ढूंढ सकी है, न ही चुनावी मुद्दे।