मुंबई. महाराष्ट्र सरकार के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत के डिप्लोमा को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि उन्होंने जिस कॉलेज से ऑटोमोबाइल इंजिनियरिंग का डिप्लोमा लिया है, उसे सरकार से मान्यता ही नहीं मिली है। इससे पहले बीजेपी सरकार में शिक्षा मंत्री रहे विनोद तावड़े की डिग्री पर भी विवाद हुआ था। उनके पास भी इसी यूनिवर्सिटी की डिग्री थी।
चुनावी हलफनामे में दी गई जानकारी के अनुसार, सामंत ने पुणे की ध्यानेश्वर यूनिवर्सिटी से ऑटोमोबाइल में डिप्लोमा लिया है। लेकिन इस यूनिवर्सिटी को सरकारी मान्यता प्राप्त ही नहीं है।
सामंत ने डिप्लोमा फर्जी साबित करने की चुनौती दी
सोमवार को चिपलून में आए रत्नागिरी से चार बार के विधायक सामंत उदय सामंत ने कहा, ‘मैं विपक्ष को चुनौती देता हूं कि मेरे डिप्लोमा को फर्जी साबित करके दिखाए। विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर को एक समिति गठित कर मेरी, पूर्व मंत्री तावड़े की और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की डिग्री की जांच करनी चाहिए।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने कभी भी इस बात को नहीं छिपाया कि मुंबई यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद आगे की शिक्षा के लिए ध्यानेश्वर यूनिवर्सिटी में गया था। उस वक्त मुझे नहीं पता था कि मैं विधायक बनूंगा। अगर पता रहता तो मैं कभी भी उस यूनिवर्सिटी में नहीं गया होता।’
पूर्व मंत्री बोले- अब क्या कहेगी एनसीपी-कांग्रेस?
पूर्व मंत्री विनोद तावड़े ने इस विवाद पर कहा, ‘जब मैं शिक्षा मंत्री था, तब विपक्षियों ने डिग्री को फर्जी करार देते हुए निशाना साधा था। मेरे पैरंट्स ने अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए मुझे ध्यानेश्वर यूनिवर्सिटी में ऐडमिशन दिलाया था, लेकिन हमें यह जानकारी नहीं थी कि कॉलेज को सरकार द्वारा मान्यता नहीं प्राप्त है। अब मैं कांग्रेस और एनसीपी से पूछना चाहता हूं कि अब उनका उदय सामंत की डिग्री के बारे में क्या कहना है।’