दिल्ली पुलिस ने जेएनयू की छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष और 19 अन्य छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर चार जनवरी को इन छात्रों द्वारा सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने और सिक्योरिटी गार्ड पर हमला करने के लिए दर्ज की गई है। यह एफआईआर जेएनयू प्रशासन ने पांच जनवरी को पुलिस में दर्ज कराई थी।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे छात्रों ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय का सर्वर बंद कर दिया था। सर्वर बंद होने से विश्वविद्यालय के कामकाज के साथ विंटर सेमेस्टर का रजिस्ट्रेशन भी रुक गया। उधर, विश्वविद्यालय प्रसासन ने कहा कि वह सर्वर बंद करने वाले छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
जेएनयू प्रशासन के मुताबिक शुक्रवार को दोपहर करीब एक बजे छात्रों का एक गुट चेहरे पर कपड़ा और मास्क लगाकर सेंटर फॉर इन्फॉर्मेशन सिस्टम के कमरे में गया और पावर सप्लाई बंद कर दी। इसके साथ ही सर्वर भी बंद कर दिया।
सर्वर बंद होने से रेजिस्ट्रेशन का काम रुक गया। विंटर सेमेस्टर के तहत सभी छात्रों को दोबारा रेजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। इसके लिए पांच जनवरी तक आखिरी मौका है। रजिस्ट्रेशन न करने वाले छात्रों का दाखिला रद्द हो जाता है।
शनिवार को छात्रावास फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे छात्रों से मारपीट व धक्का-मुक्की
जेएनयू कैंपस में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। कैंपस में शुक्रवार को नाराज छात्रों ने सर्वर रूम बंद करके विंटर सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया रुकवा दी तो शनिवार को विरोध कर रहे छात्रों से दूसरे गुट ने मारपीट व धक्कामुक्की की।
छात्रसंघ समेत वामपंथी छात्र संगठनों ने मारपीट व धक्कामुक्की का आरोप एबीवीपी पर लगाया है। आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के इशारे पर एबीवीपी मारपीट करके विरोध खत्म करवाना चाहता है। हालांकि एबीवीपी ने इन आरोपों का नकारा है।
जेएनयू कैंपस में शनिवार को हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के विरोध में छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान छात्रों का एक अन्य ग्रुप आकर विरोध खत्म करने के साथ प्रदर्शनकारियों को धक्के मारने लगा। इसी बीच अन्य छात्रों ने आकर मारपीट व धक्कामुक्की करने वालों को हटाया।
जेएनयू छात्रसंघ के महासचिव सतीश कुमार का कहना है कि कुलपति के इशारे पर एबीवीपी इस प्रकार कैंपस में छात्रों से मारपीट कर रहा है। एबीवीपी के साथ-साथ सिक्योरिटी गार्ड भी छात्रों को डरा धमका रहे हैं। छात्रों का विरोध पिछले डेढ़ महीने से शांतिपूर्वक से चल रहा है।