नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने सोमवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की। पुलिस की एक टीम कैंपस पहुंची है। इस दौरान सैकड़ों छात्र उत्तरी गेट पर जमा हो गए। सुरक्षा के मद्देनजर यहां 700 पुलिसकर्मी तैनात हैं। उधर, प्रदर्शनकारी छात्रों पर नकाबपोशों के हमले के विरोध में मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया, कोलकाता की जाधवपुर यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन हुए। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से कहा है कि वे जेएनयू के प्रतिनिधियों को बुलाकर चर्चा करें।
जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान रविवार रात हिंसा हुई थी। नकाबपोशों ने छात्र-शिक्षकों को डंडे और लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा। वे ढाई घंटे तक कैंपस में कोहराम मचाते रहे। हमले में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई घायल हो गए। आइशी ने एबीवीपी पर हमले का आरोप लगाया और कहा कि नकाबपोश गुंडों ने मुझे बुरी तरह पीटा। करीब 35 लोग जख्मी हो गए। अब तक 23 घायलों को एम्स से छुट्टी मिल चुकी है।
अपडेट्स
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने सोमवार को यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार, प्रोक्टर और रेक्टर को तलब किया। जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की।
- यूनिवर्सिटी में हिंसा की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने ज्वाइंट कमिश्नर की अगुआई में टीम गठित की। पुलिस सीसीटीवी फुटेज जुटाने के लिए कैंपस पहुंची।
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आवास पर आम आदमी पार्टी नेताओं और अपने मंत्रियों के साथ जेएनयू में हिंसा के मुद्दे पर बैठक बुलाई।
- हिंसा के बाद छात्र संगठनों ने रविवार रात को मारपीट की घटना को लेकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। सोमवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया, कोलकाता की जाधवपुर यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन हुए।
जेएनयू में हिंसा से जुड़ा वीडियो सामने आया
कैंपस में हिंसा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें नकाबपोश लोग डंडे और लोहे की रॉड लेकर मारपीट करते नजर आ रहे हैं। इसी दौरान प्रदर्शनकारी यह कहते सुने जा सकते हैं कि कौन हो तुम लोग? किसे डराना चाह रहे हो?.. एबीवीपी वापस जाओ। जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर योगेंद्र यादव के साथ भी हाथापाई हुई। जेएनयू के भीतर फंसे छात्रों ने भास्कर को बताया था कि हिंसा के बाद वे भीतर फंसे गए। काफी देर तक कैम्पस में मारपीट और शोरशराबा चलता रहा। हॉस्टल के गेट बंद कर दिए गए और नाकबपोश लोग डंडे लेकर घूमते रहे।
अमित शाह ने दिल्ली पुलिस को जांच के आदेश दिए
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर अमूल्य पाठक से बात की। उन्होंने कहा कि इस हिंसा की वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराई जाए और जल्द रिपोर्ट पेश कि जाए। जो भी जरूरी कदम हो वो उठाए जाएं। मानव संसाधन मंत्रालय ने भी तत्काल जेएनयू प्रशासन से रिपोर्ट मांगी।
प्रियंका ने कहा- घायलों ने बताया कि पुलिस ने सिर पर लात मारी
मारपीट में घायल 23 छात्र एम्स में भर्ती हुए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी घायलों से मिलने के लिए पहुंचीं। उन्होंने कहा- ट्रॉमा सेंटर में भर्ती छात्रों ने मुझे बताया कि कैम्पस में गुंडे दाखिल हुए। डंडों और दूसरे हथियारों से हमला किया। कई लोगों के सिर पर चोट आई है। कुछ छात्रों ने कहा कि पुलिस ने उनके सिर पर कई बार लात मारी। पूर्व छात्र और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि मैं जेएनयू की हालत देख रहा हूं और इस तरह की घटना की निंदा करता हूं। यह यूनिवर्सिटी की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘जेएनयू में हिंसा की घटना से स्तब्ध हूं। छात्रों को बुरी तरह पीटा गया है। पुलिस को तत्काल हिंसा रोककर कैंपस में शांति बहाल करना चाहिए। कैसे देश तरक्की करेगा, जब यूनिवर्सिटी कैंपस के भीतर हमारे छात्र सुरक्षित नहीं रहेंगे।’’ कांग्रेस नेता राहुल ने कहा- देश की फासीवादी सरकार छात्रों की आवाज से डरी, केजरीवाल बोले- कैम्पस सुरक्षित नहीं, तरक्की कैसे होगी।
फीस बढ़ोतरी के खिलाफ दो महीने से प्रदर्शन
यूनिवर्सिटी में फीस बढ़ोतरी को लेकर पिछले दो महीनों से प्रदर्शन चल रहा है। रविवार सुबह भी छात्र अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर रहे थे। इसी दौरान मारपीट की घटना हुई। जेएनयू छात्र संघ ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) और यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर इस घटना में शामिल होने का आरोप लगाया है। एबीवीपी ने कहा कि इस सबके पीछे लेफ्ट से जुड़े छात्रों का हाथ है।