नागरिकता संशोधन कानून जब से अस्तित्व में आया है देशभर में जगह-जगह उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इन प्रदर्शनों का मुख्य गढ़ देश के विश्वविद्यालय और कॉलेज बने हैं। इस कानून का सबसे मुखर विरोध देश की राजधानी दिल्ली में हो रहा है।
बीते 20 दिनों से तो सिर्फ दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं का एक समूह सीएए के विरोध में सड़कों पर बैठकर धरना दे रहा है। वहीं जामिया के गेट पर भी लगातार नागरिकता कानून का विरोध हो रहा है।
इसी क्रम में नए साल के तीसरे दिन यानी शुक्रवार(3 जनवरी) को भी विरोध प्रदर्शन जारी है। आज न सिर्फ दिल्ली के जामिया विश्वविद्यालय के बाहर बल्कि जामा मस्जिद, मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक शांतिपूर्ण मार्च भी चल रहा है।
आज राजधानी में कई जगह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन चल रहा है और कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में भी ये विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेंगे जब तक केंद्र सरकार ये कानून वापस नहीं ले लेती।
मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक हो रहे मार्च में प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न तरह के नारे लिखे बैनर व प्लकार्ड ले रखे हैं। इन पर कई महान रचनाकारों जैसे पाश, फैज-अहमद-फैज व अन्य की शायरियां व कविताएं लिखी हैं।