ऐतिहासिक रिज मैदान पर देश के गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के दौरान सायरन बजाती भीड़ के भीतर दाखिल हुई एंबुलेंस को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट तलब की है। यह एंबुलेंस पंथाघाटी स्थित तेंजिन अस्पताल की है और एक महिला मरीज को लेकर आईजीएमसी अस्पताल जा रही थी। एंबुलेंस के इस तरह से समारोह स्थल पर पहुंचने से सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गईं, क्योंकि उस दिन रिज की जगह एंबुलेंस वाया छोटा शिमला-संजौली रूट से आईजीएमसी जल्दी पहुंचती तो एंबुलेंस को रिज से ले जाने की क्या वजह रही?
दूसरा सवाल जांच एजेंसी को कौंधा कि जिस महिला मरीज को लेकर एंबुलेंस आईजीएमसी जा रही थी वह करीब 10 दिन से तेंजिन अस्पताल में दाखिल थी तो क्या उसी दिन उस महिला को आईजीएमसी रेफर करना जरूरी था या फिर उससे पहले या उसके बाद भी रेफर किया जा सकता था?
इस तरह के कई सवालों के जवाब जांच एजेंसियों को तलाश कर गृह मंत्रालय को सौंपने थे। समारोह के बाद छानबीन शुरू हो गई। जिला और पुलिस प्रशासन के अलावा आईजीएमसी प्रबंधन ने मामले की जानकारी ली और आला अधिकारियों को दी। जिस रास्ते से एंबुलेंस रिज मैदान पर पहुंची वहां तैनात पुलिस कर्मचारियों से भी पूछताछ हुई।
तेंजिन अस्पताल प्रबंधन के अलावा एंबुलेंस ड्राइवर से भी जवाब तलबी हुई और महिला मरीज के बारे में भी जानकारियां एकत्रित की। हालांकि जांच रिपोर्ट में सुरक्षा में चूक को लेकर कोई खामी नहीं पाई गई। शिमला में अमित शाह की रैली से पहले खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चार बार समारोह स्थल का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। तेंजिन अस्पताल प्रबंधन ने चूक के नाम पर एंबुलेंस ड्राइवर का एक दिन का वेतन काट दिया। इस बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) मनोज कुमार से संपर्क किया, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।
शाह को कुछ पल रोकना पड़ा था भाषण
एंबुलेंस के तीखे बजते सायरन के बीच शाह ने भी कुछ पल के लिए भाषण रोक दिया। वहां मौजूद लोगों ने एंबुलेंस को रास्ता देकर आईजीएमसी भेजने में मदद की। पता चला कि एंबुलेंस रूट यहां के अलावा जोधा निवास से टका बैंच होते हुए लक्कड़ बाजार आईजीएमसी रखा गया था। आईजीएमसी में उस दिन एंबुलेंस से इस महिला समेत तीन मरीज पहुंचाएं गए थे और इनमें से एक भी मरीज उस वक्त गंभीर नहीं था।