सरायकेला. आजादी के ठीक बाद जब पूरा देश जश्न में डूबा हुआ था, तब एक जनवरी 1948 को सरायकेला- खरसांवा के हाट मैदान में पुलिस की गोली से कई लोग मारे गए थे. उनकी गलती महज इतनी थी कि वे ओडिशा राज्य में शामिल न होकर अपनी सांस्कृतिक पहचान को बरकरार रखने के बिहार का ही हिस्सा रहना चाहते थे. लेकिन गोलियों से छलनी कर दिए गए. उनकी याद में बने खरसावां स्थल पर हर साल की तरह इस बार भी सबने श्रद्धांजलि अर्पित की. बुधवार को सीएम हेमंत सोरेन के साथ-साथ सांसद गीता कोड़ा, पूर्व सीएम मधु कोड़ा और कई विधायक पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान लोगों ने खरसावां के शहीदों के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की. जिसके जवाब में सीएम हेमंत सोरेन ने शहीदों के आश्रितों को खोज-खोज कर नौकरी देने का ऐलान किया.
खरसावां गोलीकांड को दस्तावेजों में दर्ज कराने की मांग
हर साल की तरह इस बार भी नये साल के मौके पर खरसांवा शहीदस्थल पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी. मानकी मुंडा और अन्य आदिवासी नेताओं ने एक स्वर में शहीदों के परिजनों को न्याय देने और खरसावां गोलीकांड को दस्तावेजों में दर्ज कराने की मांग की. लोगों ने बताया कि आधिकारिक तौर पर तो सिर्फ 17 मौत की बात आई थी. लेकिन इससे अधिक लोग मारे गए थे. लेकिन इस मामले में न तो घटना के सही कारणों का पता चला और न ही शहीद या दोषी चिन्हित हुए. अविभाजित बिहार में ही रहने और ओडिशा में शामिल न होने को लेकर लोग खरसांवा के हाट मैदान में एक जनवरी 1948 को एकत्रित हुए थे. इस दौरान वे पुलिस की गोलियों के शिकार हो गए.
शहीदों को नहीं मिला उचित सम्मान
शहीद स्थल पर आए सांसद गीता कोड़ा ने लोगों की मांगों का समर्थन करते हुए आश्वासन दिया कि वो सरकार के पास शहीदों के आश्रितों को न्याय दिलाने के लिए मांग रखेंगी. पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने कहा कि जितना सम्मान शहीदों और उनके आश्रितों को मिलना था, अबतक नहीं मिला. सबसे बड़ी बात तो ये है कि खरसांवा समेत अन्य कांडों को लेकर आजतक डाॅक्यूमेंटेंशन नहीं हुआ.
सीएम ने किया शहीदों के आश्रितों को नौकरी देने का ऐलान
सीएम हेमंत सोरेन खरसांवा शहीद स्थल पर तयशुदा समय से दो घंटे लेट पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उनके साथ कोल्हान के कई विधायक थे. श्रद्धांजलि के बाद सीएम हेमंत सोरेन ने सभा को संबोधित किया. वहां चाईबासा के विधायक दीपक बिरूआ और मझगांव के विधायक निरल पूर्ति ने खरसांवा कांड के न्यायिक जांच की मांग की और पाठ्यक्रम में इसे शामिल करने की अपील की. वहीं इन तमाम मांगों का सीएम हेमंत सोरेन ने एक लाइन में जवाब दे दिया कि खरसांवा के शहीदों और अन्य घटनाओं के शहीदों के आश्रितों को खोज-खोज कर सरकार नौकरी देगी |