नई दिल्ली। जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गए हैं। उन्होंने अपने विदाई संदेश में जवानों और देशवासियों को नए साल की बधाई दी। उन्होंने बतौर सेना सभी विभागों से मिले सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में सेना प्रमुख का पद सिर्फ एक ओहदा मात्र है। वो अकेले काम नहीं करता। उसे सेना के सभी जवान सहयोग करते हैं तभी वह काम कर पाता है। इस सहयोग से सेना आगे बढ़ती है।
इस दौरान उन्होंने नए आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे को बधाई और शुभकामनाएं दी। इससे उन्हें साउथ ब्लॉक में उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि सरकार ने जनरल बिपिन रावत को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ घोषित किया है। वह इस पद को 1 जनवरी से संभालेंगे। सीडीएस की नियुक्ति तीनों सेनाओं के बीच बेहतरीन समन्वय के लिए की गई है।
जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को शुभकामनाएं
रावत ने विदाई संदेश में कहा, ‘आज, मैं भारतीय सेना के उन सैनिकों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में स्थिर रहे हैं। मैं जनरल मनोज मुकुंद नरवणे को अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं जो 28 वें सेना प्रमुख के रूप में पद ग्रहण करेंगे।उनका मैं सहयोग करता रहूंगा। सेना भी उनका सहयोग करती रहेगी। उम्मीद है कि नए सेना प्रमुख के अंडर में सेना अधिक से अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचेगी।’
सीडीएस चुने जाने पर बोले जनरल रावत
जनरल रावत ने सीडीएस के रूप में किस योजना से काम करने वाले हैं, इस पर टिप्पणी करने से उन्होंने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘सेना प्रमुख के रूप में, हमेशा मेरा ध्यान अपने काम पर रहा। मैंने कभी किसी और चीज के बारे में नहीं सोचा। अब जब मुझे एक नया काम सौंपा गया है, तो मैं इस बारे में सोचूंगा कि सीडीएस के रूप में क्या करना है।
चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय सेना बेहतर तरीके से तैयार
क्या पाकिस्तान और चीन सीमा पर चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय सेना बेहतर तरीके से तैयार है? इसका जवाब देते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हां, वे बेहतर तरीके से तैयार हैं। बतौर सेना प्रमुख जनरल रावत तीन साल तक सेवा दी। उन्होंने भारतीय सेना प्रमुख के रूप में 2016 में पद संभाला था। 16 दिसंबर 1978 को 11 गोरखा राइफल्स में उनकी नियुक्ति हुई थी।