जेएंडके बैंक में लोन की धोखाधड़ी मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने केहवा स्क्वेयर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक और श्रीनगर के पूर्व डिप्टी मेयर इमरान नजीर को गिरफ्तार कर लिया है। वर्ष 2019 के शुरूआत में ही ब्यूरो ने इस लोन फ्रॉड के मामले में इमरान और जेएंडके बैंक के अफसरों और अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ पुलवामा के लस्सीपोरा सीए स्टोरेज स्थापित करने में सब्सिडी के नाम पर फ्रॉड करने का केस दर्ज किया था।
इमरान ने बैंक से 138 करोड़ रुपये का लोन लिया था। लोन स्टोरेज के निर्माण के लिए लिया गया था। इसमें बड़ा फ्रॉड हुआ है। शुक्रवार को ब्यूरो ने आरोपी को दबोच लिया, ताकि मामले में आगे की जांच की जा सके। जांच पूरी करने के लिए आरोपी को हिरासत में लेना जरूरी बताया गया।
इस फ्रॉड में कुछ और लोगों को भी ब्यूरो की टीम हिरासत में लेने की तैयारी कर चुकी है। इनके खिलाफ जांच के लिए संबंधित विभाग और सरकार से अनुमति मांगी गई है।
पूछताछ के दौरान यह भी पता चला…
एसीबी के प्रवक्ता ने बताया कि केहवा समूह को जेके बैंक के साथ 138 करोड़ रुपये का ऋण लिया। शेख इमरान और केहवा स्क्वायर प्राइवेट लिमिटेड के भागीदारों के साथ-साथ जेके बैंक के अधिकारियों के साथ एक अच्छी तरह से साजिश रच कर केवल 78 करोड़ रुपये की रि-स्ट्रक्चरिंग की गई।
जब विभिन्न विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों के एक संयुक्त निरीक्षण दल ने वहां का दौरा किया तो पाया कि परियोजना की लागत सिर्फ 33 करोड़ रुपये है। पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि केहवा समूह की छह और व्यावसायिक इकाइयां हैं और इमरान ने इन इकाइयों के लिए विभिन्न ऋण सुविधाएं और ओवरड्राफ्ट जुटा हैं। कुल 138 करोड़ रुपये है।