नई दिल्ली,। दिल्ली के दरियागंज में शुक्रवार शाम को हुई हिंसा मामले में गिरफ्तार 15 आरोपितों की जमानत याचिका पर दिल्ली की एक कोर्ट सोमवार दोपहर बाद 3.30 बजे फैसला सुनाएगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
यहां पर बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान दरियागंज में तोड़फोड़ व आगजनी के आरोप में गिरफ्तार किए गए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद सहित 16 लोगों को शनिवार को तीस हजारी अदालत में पेश किया गया था। इनमें 15 आरोपितों को दरियागंज थाना पुलिस ने, जबकि भीड़ को भड़काने के आरोपित चंद्रशेखर को क्राइम ब्रांच ने अदालत में पेश किया था।
पुलिस की तरफ से दलील दी गई कि पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कार में आग लगाई गई। ऐसे में आरोपितों को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। अदालत ने 15 आरोपितों को दो दिन के लिए, जबकि चंद्रशेखर को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा गया है। वहीं एक आरोपित ने खुद को नाबालिग बताया तो पुलिस ने कहा कि कोई नाबालिग नहीं है। वहीं आरोपितों की तरफ से जमानत अर्जी दायर की गई है, जिस पर सोमवार को सुनवाई हो रही है।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि साहिबाबाद थाने में सितंबर-2018 में एक पत्रकार ने चंद्रशेखर व उसके साथियों के खिलाफ बलवा व मारपीट समेत कई संगीन धाराओं में केस दर्ज कराया था। आरोप था कि अपने दर्जनों साथियों संग चंद्रशेखर ने पीड़ित को पिस्टल की दम पर बंधक बनाकर बुरी तरह पीटा था। इसके अलावा इसी साल रोड पर जाम लगाने और पुलिस से धक्कामुक्की कर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में भी इंदिरापुरम थाने में आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
देखते ही देखते इकट्ठा हो गए थे दस हजार लोग
पुलिस के अनुसार, जुमे की नमाज के दौरान चंद्रशेखर ने भड़काऊ भाषण दिया था, जिससे भीड़ जामा मस्जिद से दिल्ली गेट की तरफ इकट्ठा हो गई थी। पुलिस ने किसी तरह से बैरिके¨डग कर भीड़ को रोका। मस्जिद से भी भीड़ को वापस जाने के लिए कहा गया। कुछ लोग तब वहां से घर चले भी गए। शाम करीब 6 बजे मध्य जिला पुलिस को सूचना मिली कि उत्तर-पूर्वी जिले से 4-5 हजार लोगों का हुजुम आ रहा है। इसके बाद दिल्ली गेट पर और पुलिस बल को बुलाया गया। देखते ही देखते 8-10 हजार लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिसके बाद हिंसा भड़क गई।