अहमदनगर (महाराष्ट्र). निर्भया गैंगरेप और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों के मामलों में तेजी से न्याय की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को रालेगण सिद्धि गांव में ‘मौन व्रत’ शुरू किया है. रालेगण सिद्धि महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित एक गांव है.
अन्ना का पुश्तैनी गांव अहमद नगर जिले में स्थित रालेगन सिद्धि है. दादा की मौत के 7 साल बाद अन्ना का परिवार रालेगन सिद्धि गांव आ गया. हजारे का वास्तविक नाम किसन बाबूराव हजारे है. उनका जन्म 15 जून 1938 को महाराष्ट्र के अहमद नगर के भिंगर कस्बे में हुआ था. हजारे का बचपन गरीबी में बीता था, उनके पिता मजदूर और दादा फौज में थे. उनके दादा की पोस्टिंग भिंगनगर में थी. उनके 6 भाई हैं.
त्वरित न्याय नहीं मिला तो करूंगा अनिश्चितकालीन अनशन
हजारे ने गत नौ दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उन्हें सूचित किया था कि वह 20 दिसम्बर से मौन व्रत रखेंगे. हजारे ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘मैंने निर्भया मामले में त्वरित न्याय के लिए अपना मौन व्रत शुरू कर दिया है और यदि यह नहीं मिलता है तो मैं अनिश्चितकालीन अनशन करूंगा
न्याय में देरी से न्यायपालिका में कम हो रहा है लोगों का भरोसा
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली सहित कई राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं. देश के लोगों ने न्यायिक एवं पुलिस प्रक्रिया में देरी के चलते हैदराबाद बलात्कार एवं हत्या मामले में चार आरोपियों की मुठभेड़ में मौत का स्वागत किया.’ उन्होंने कहा कि न्याय में देरी से न्यायपालिका में लोगों का भरोसा कम हो रहा है.
न्यायिक जवाबदेही विधेयक और पुलिस बल में सुधार की मांग की
अन्ना हजारे ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में त्वरित सुनवायी की मांग की. इसके अलावा हजारे ने मांग की कि संसद में न्यायिक जवाबदेही विधेयक पारित किया जाए, न्यायाधीशों के रिक्त पद भरे जाएं और पुलिस बल में सुधार को लेकर उच्चतम न्यायालय की सिफारिशें लागू की जाएं