Citizenship Act पर छलका शरणार्थियों का दर्द, मोदी-शाह के समर्थन में लगाए नारे

 नई दिल्ली नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के बीच हिंदू शरणार्थियों ने राजघाट पर कानून के समर्थन में प्रदर्शन किया। हिंदू शरणार्थी अधिकार मंच की ओर से आयोजित इस प्रदर्शन में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आकर दिल्ली के विभिन्न शरणार्थी कैंपों में रह रहे लोग शामिल हुए। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे।

इस दौरान इन लोगों ने अपनी पीड़ा को बताते हुए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए नागरिकता संशोधन कानून का स्वागत किया। साथ ही विरोध करने वाले लोगों से इसका विरोध न करने की अपील। इस दौरान लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह जिंदाबाद के नारे लगाए।

दर्शनकारियों को संबोधित करते हुए अफगानिस्तान से शरणार्थी बनकर भारत में रह रहे तजिंदर सिंह ने कहा कि वहां पर हमें सिख धर्म छोड़ने और इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि जो लोग कानून का विरोध कर रहे हैं उन्हें विरोध करने की जरूरत नहीं हैं। क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया नया कानून किसी भी भारतीय हिंदू और मुस्लिम की नागरिकता को नहीं छीनेगा। इससे केवल शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी।

एक अन्य प्रदर्शनकारी हनुमान प्रसाद ने कहा कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। वहां पर छोटी उम्र की बच्चियों का विवाह काफी उम्र के मुस्लिमों से करने के लिए कहा जाता है। साथ ही धर्म भी बदलने के लिए भी मजबूर भी किया जाता है। हम अपना धर्म नहीं बदल सकते थे इसलिए हम लोग भारत में आ गए। प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता और प्रदेश महामंत्री राजेश भाटिया भी समर्थन में पहुंचे।

मेधा पाटकर का लोगों ने किया विरोध

दूरदर्शन में नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापिका मेधा पाटकर भी पहुंचीं, जिनका लोगों ने विरोध किया। पाटकर के खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। जिसके बाद उनको प्रदर्शन स्थल से जाना पड़ा। हिंदू शरणार्थियों का कहना था कि पाटकर यहां पर हिंदू- मुस्लिम की राजनीति करने आईं थीं। इसलिए उन्हें वहां से भगा दिया गया।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हम रहते थे। वहां लोग धमकी देकर जाते थे कि धर्म बदल लो नहीं तो जान से मार दिया जाएगा। इसलिए हम लोग हरिद्वार में पूजा की बात कहकर भारत का वीजा लेकर 2011 में आए थे। मोदी जी का धन्यवाद जो उन्होंने हमें नागरिकता देने के लिए कानून बनाया।

जमुना, रोहिणी सेक्टर-11 कैंप

नागरिकता न होने की वजह से हम लोगों को न तो नौकरी मिलती हैं और न ही हमारे बच्चों को स्कूलों में दाखिला। केंद्र सरकार ने बहुत अच्छा कदम उठाया है।

शाहिबा, भाटी माइंस कैंप

हमे वहां पढ़ने नहीं दिया जाता था। स्कूलों में टीचर भी मुस्लिम हैं। वे हमें धर्म बदलने और कुरान पढ़ने के लिए मजबूर करते थे। इसलिए माता-पिता के साथ वह दिल्ली आ गए।

Overlook India

Overlook INDIA is one of the latest Hindi news portals through which you can get all updated local Delhi based, national and international news round the clock. In order to get more information, you may visit at overlook.co.in.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *