असम में शुक्रवार को मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर 10 दिन पहले यहां इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी।
निजी टेलिकॉम संचालक एयरटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह नौ बजे प्रतिबंध हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि चूंकि हमें इंटरनेट बंद करने का कोई नया आदेश नहीं मिला था इसलिए हमने सुबह नौ बजे से प्रतिबंध हटा दिया।
राज्य सरकार ने कहा था कि मोबाइल इंटरनेट सेवा शुक्रवार से बहाल कर दी जाएगी हालांकि गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार शाम पांच बजे ही इंटरनेट सेवा बहाल करने के आदेश दे दिए थे। असम में ब्रॉडबैंड सेवा पहले ही बहाल हो चुकी है।
असम की धरती के बेटों के अधिकारों को नहीं चुरा सकता: मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी असम की धरती के बेटों के अधिकारों को नहीं चुरा सकता है, हमारी भाषा या हमारी पहचान को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह से असम का सम्मान प्रभावित नहीं होगा। हम लोगों का साथ देते रहेंगे और राज्य में शांति के साथ आगे बढ़ेंगे।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि केवल वे लोग ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन देने के योग्य होंगे, जो धार्मिक अत्याचार के कारण दशकों पहले बांग्लादेश से असम आए थे।
उन्होंने कहा कि मैंने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है क्योंकि समस्या का हल केवल बातचीत के जरिए ही निकाला जा सकता है।