डिपुओं में सस्ता प्याज उपलब्ध कराने के सरकारी दावे फेल हो गए हैं। राजधानी शिमला में प्याज ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। तीन दिन के भीतर प्याज के दामों में 40 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
शिमला में प्याज 140 रुपये जबकि बिलासपुर और कांगड़ा में 90 और ऊना में 110 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। सरकार ने डिपुओं में 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज बेचने का फैसला लिया था। लेकिन अभी तक डिपुओं में प्याज की सप्लाई नहीं पहुंच पाई है।
वहीं, कई कारोबारियों ने मुनाफे के चक्कर में प्याज की खेप को स्टोर कर दिया है। कालाबाजारी पर शिकंजा कसने की अधिसूचना जारी होने के बाद भी खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अफसर कारोबारियों पर छापामारी करने से बच रहे हैं, जबकि सरकार ने अफसरों को छापामारी के सख्त निर्देश दिए हैं।
कई जगह अफगानी प्याज की खेप पहुंच गई है, लेकिन इसके दाम भी 100 रुपये प्रति किलो से अधिक हैं। इस प्याज का आकार इतना बड़ा है कि एक किलो में दो से तीन प्याज आ रहे हैं। ऐसे में लोग इस प्याज से भी परहेज कर रहे हैं।
चंबा शहर की सब्जी मंडी में सरकारी रेट लिस्ट में प्याज के दाम 70 रुपये किलो हैं जबकि दुकानदार 100 रुपये में बेच रहे हैं। रेट लिस्ट के आधार पर ग्राहक सब्जी विक्रेताओं से उलझ रहे हैं। दुकानदार तर्क दे रहे हैं कि दाम बढ़े हैं, लेकिन यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही है।