इस बार रिकॉर्ड बर्फबारी की वजह से बीआरओ ने बर्फ न हटाने का फैसला लिया है। अब मई महीने तक इस मार्ग पर कोई भी वाहन नहीं चल सकेगा।
रोहतांग टनल से आवाजाही 25 नवंबर से बंद है, जबकि रोहतांग दर्रा 19 नवंबर से बंद है। हालांकि, बीआरओ ने दर्रे से बर्फ हटाकर इसे बहाल कर दिया था, मगर एक हफ्ते तक रोहतांग के आसपास बर्फीला तूफान आने से यह फिर से बंद हो गया है।
लाहौल के मरीजों के साथ कई जरूरतमंद लोग दर्रे को आर-पार करने का इंतजार कर रहे थे लेकिन अब इनकी चिंता बढ़ गई है। अनिल सहगल, कूंगा बोध, दीपक ठाकुर, चमनलाल, दुनी चंद तथा डोलमा ने कहा कि वे डेढ़ माह से कैद हैं। न टनल से जाने दिया जा रहा है, न ही सरकार हेलीकाप्टर सेवा शुरू कर रही है।
400 लोगों ने किया हेलीकॉप्टर के लिए आवेदन
उधर, हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने के लिए लाहौल प्रशासन ने करीब एक माह पहले ही कुल्लू के साथ लाहौल के हेलीपैडों में बुकिंग सेंटर खोल दिए हैं। कुल्लू में लाहौल जाने के लिए 260 और लाहौल में करीब 150 लोगों ने कुल्लू आने के लिए आवेदन किया है।
रोहतांग दर्रे में भारी बर्फबारी हुई है। बीआरओ ने लाहौल के अंदरूनी भागों में मुख्य सड़कों को खोल दिया है। रोहतांग दर्रे से अभी बर्फ हटाने का काम शुरू नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में भी बर्फ हटाने की उम्मीद कम है।