रायगढ़. छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में अपने बैंक खातों से बड़ा नगद लेनदेन करने वाले 300 लोगों को इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस भेजा है। इनमें 100 किसान भी शामिल हैं। इन लोगों ने 10 लाख से अधिक का कैश ट्रांजेक्शन किया है, जिसके चलते बचत खाता धारकों को नोटिस भेजा गया। इस वित्तीय वर्ष में इनकम टैक्स से जुड़े मामले 31 दिसंबर तक निपटाए जाने हैं। हालांकि अघोषित आय घोषित करने वालों को 31 जनवरी तक बकाया टैक्स चुकाने का समय दिया गया है।
किसानों ने जमीन बेची, धान खुली मंडियो में बेचकर राशि खाते में डलवाई
जानकारी के मुताबिक कुछ किसानों ने जमीन बेचने के बाद राशि अपने बैंक खातों में जमा कराई है। कुछ किसानों ने धान बिचौलियों और खुली मंडियों में बेचकर मिली राशि भी खाते में जमा कराई है। कर सलाहकारों का कहना है कि पिछले एक वर्ष में जमीन अधिग्रहण और खरीद-बिक्री अधिक हुई है। नियम के मुताबिक सरकारी प्रयोजन के लिए जमीन के अधिग्रहण के बाद मिली राशि पर इनकम टैक्स नहीं लगता लेकिन निजी कंपनियों द्वारा अधिग्रहण से मिली राशि अगर स्लैब से ज्यादा हो तो इनकम टैक्स जवाब तलब करता है।
इसी तरह धान भी सरकारी समितियों में बेचा जाए तो उससे मिली रकम पर इनकम टैक्स ध्यान नहीं देता लेकिन मंडी या आढ़तियों को धान बेचकर मिले नगद रुपयों या चेक पर विभाग की नजर होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि इनकम टैक्स पाने वाले किसान अपने रुपयों के लेनदेन का सही न दें तो नियमों के तहत कार्रवाई होती है। कर सलाहकार विवेक सारस्वत ने बताया कि कई जगहों में ऐसे भी केस आए हैं जिसमें जमीन बेचने के बाद लोग सरकार के मार्केट रेट के अनुसार राशि को चेक के माध्यम से लेते हैं।
किस्त भरने चूके तो भी नहीं होंगे डिफाल्टर
अघोषित संपत्ति या काला धन घोषित करने के लिए लॉन्च की गई इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (आईडीएस) 2016 की किस्त भरने से चूकने वाले डिफॉल्टर को आयकर विभाग ने राहत दी है। सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) ने शनिवार को नोटिफिकेशन जारी कर ऐसे लोगों को विकल्प दिया है कि वह एक फीसदी ब्याज दर से 31 जनवरी 2020 तक बकाया टैक्स चुकाकर राहत पा सकते हैं। इससे उन्हें आईडीएस के तहत वैध माना जाएगा।