नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली समेत देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। जामिया मिलिया इस्लामिया में छात्रों के प्रदर्शन के बाद मंगलवार को दिल्ली के सीलमपुर और जफराबाद इलाके मे हजारों की तदाद में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिसवालों के बीच झड़प हुई। पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग भी किया और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। बताया जा रहा है कि इस दौरान पथराव की खबरें भी आ रही है। बताया जा रहा है कि इलाके में भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती कर दी गई है। वहीं पुलिस हालत पर नजर बनाए रखने के लिए ड्रोन का सहारा ले रही है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम पर दिल्ली में विरोध
दिल्ली मेट्रो ने शिवविहार और जहौर इनक्लेव के मेट्रो स्टेशन को भी बंद किया। सीलमपुर बवाल के चलते दिल्ली मेट्रो ने सात स्टेशन को बंद कर दिया है।
– प्रदर्शन में शामिल कासिम नामक एक अन्य व्यक्ति ने कहा ”देश में एनआरसी लागू नहीं होना चाहिए। हमारा विरोध इसी बात को लेकर है। पृष्ठभूमि तैयार की जा रही है ताकि एनआरसी को देश भर में लागू किया जाए। मोबाइल रिपेयरिंग का काम सीख रहे आईटीआई के नूर ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के जरिये हिंदू मुसलमानों के बीच दरार पैदा की जा रही है। उन्होंने कहा ‘जामिया में अगर विरोध प्रदर्शन हुआ भी था तो भी पुलिस को लाईब्रेरी और परिसर में घुसने का हक नहीं था।
– एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीलमपुर टी प्वाइंट पर लोग एकत्र हुए और दोपहर करीब बारह बजे विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और सरकार के विरोध में नारे लगाए। रैली में शामिल मोहम्मद सादिक ने बताया कि उनका यह विरोध जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई तथा देश में सीएए लागू करने के खिलाफ है। जाफराबाद थाने के बाहर भी प्रदर्शन हुआ और पुलिस के खिलाफ नारे लगाए।
– दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े
– नागरिकता कानून को लेकर सीलम पुर में प्रदर्शन
संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ मंगलवार को भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हल्के फुल्के प्रदर्शन जारी रहे। इलाके में तनावपूर्ण शांति है। सर्द मौसम की परवाह न करते हुए छात्रों और स्थानीय नागरिकों समेत प्रदर्शनकारियों ने सुबह करीब 10 बजे विश्वविद्यालय के गेट नंबर 7 पर जमा होना शुरू कर दिया। उनके हाथों में तिरंगे तथा पोस्टर थे। दिन चढ़ते-चढ़ते भीड़ बढ़ने लगी। कई लोग मोटरसाइकिलों और कारों से प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। इस दौरान ‘ज्यादती से आजादी, ‘आवाज दो, हम एक हैं जैसे नारे लग रहे थे।
महिलाओं समेत कुछ प्रदर्शनकारियों ने गेट संख्या 7 के बाहर घेरा बनाया तो कई लोगों ने पीली रस्सियों के सहारे मानव श्रृंखला बनाईं। हालांकि उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि यातायात जाम नहीं हो। छात्रों ने बताया कि उनके कई सहपाठी अपने-अपने घर जा चुके हैं लेकिन उन्होंने यहीं रहने का और तब तक लड़ाई जारी रखने का फैसला किया जब तक कि नागरिकता कानून में किए गए संशोधन वापस नहीं लिए जाते।
कुछ स्थानीय लोग मीडिया से नाराज नजर आए। उनका दावा था कि उनका पक्ष नहीं दिखाया गया। रविवार को प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद यह लगातार दूसरा दिन है जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा है। सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के पास विश्वविद्यालय जाने वाले रास्तों पर पुलिस दल तैनात थे। हालांकि सुखदेव विहार और जामिया मिल्लिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार खोल दिये गये हैं।
सोमवार को हजारों की संख्या में छात्रों ने सड़कों पर उतरकर रविवार को पुलिस के विश्वविद्यालय प्रशासन की इजाजत बिना जामिया परिसर में दाखिल होने और विवि के पुस्तकालय में आंसू गैस के गोले छोड़ने की घटना की जांच की मांग की। रविवार की घटना में जामिया के छात्र और स्थानीय लोगों समेत बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए। डीटीसी की चार बसों को आग लगाई गई और 100 से अधिक निजी वाहन और पुलिस की दस बाइक को भी नुकसान पहुंचा।
सोमवार को प्रदर्शन की अगुवाई छात्रों की बहनों, दादियों समेत सभी आयु वर्ग की महिलाओं ने की। उन्होंने अपनी अंतिम सांस तक न्याय के लिए लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया। उनके समर्थन में नजदीक के इलाकों के रहवासी और छात्रों के अभिभावक भी सामने आए।