पुणे. महाराष्ट्र की राजनीति में 30 साल तक एक-दूसरे के साथ खड़ी रही शिवसेना और भाजपा आज अलग-अलग राह पर है, लेकिन उनके नेता आज भी चाहते हैं कि दोनों पार्टियां फिर एक बार साथ आएं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को पुणे में कहा कि भाजपा-शिवसेना में ‘हिंदुत्व’ का समान खून है। दोनों पार्टियां एक साथ 30 साल तक रही हैं। जनता ने दोनों को जनादेश दिया था। हम आशावादी हैं कि हम फिर एक साथ आएंगे।’ इससे पहले मंगलवार को शिवसेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी ने कहा था कि भाजपा और शिवसेना निकट भविष्य में एक साथ आ सकते हैं। पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सही समय पर इस पर फैसला करेंगे।
कुछ बातों को बर्दाश्त करना बेहतर: जोशी
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम जोशी ने मंगलवार को कहा- ‘छोटे मुद्दों पर लड़ने की जगह बेहतर है कि कुछ बातों को बर्दाश्त किया जाए। जिन मुद्दों को आप दृढ़ता के साथ महसूस करते हैं, उसे साझा करना अच्छा है। अगर दोनों दल साथ में काम करते हैं तो यह दोनों के लिए बेहतर होगा।’ जोशी ने कहा- ‘ऐसा नहीं है कि शिवसेना अब कभी भाजपा के साथ नहीं जाएगी। उद्धव ठाकरे सही समय पर सही निर्णय लेंगे।’ इधर, दोनों दलों के बीच चर्चा के दरवाजे खुले होने के मुद्दे पर चंद्रकांत पाटिल ने कहा- ‘हमने कभी दरवाजे बंद नहीं किए, दरवाजे पहले भी खुले हुए थे। हमारे अंदर कोई अहम नहीं है। अगर आप आते हैं तो आपका स्वागत है।’
खडसे की शिकायत पर कार्रवाई होगी
इससे पहले महाराष्ट्र भाजपा ने पार्टी के अंदर चल रहे कलह को खत्म करने की ओर बड़ा कदम बढ़ाया। भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में भाजपा नेता एकनाथ खड़से की शिकायत पर चर्चा हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि पार्टी के खिलाफ काम करने वालों को पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। मंगलवार को हुई बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य में पार्टी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और अन्य नेता मौजूद रहे।
बैठक में पंकजा मुंडे नहीं पहुंचीं
भाजपा नेता सुधीर मुंगतीवाड़ ने कहा- ‘आज की बैठक में एकनाथ खड़से से बातचीत करने का फैसला लिया गया। उनकी चिंताओं का निराकरण किया जाएगा। खड़से ने कुछ सबूत दिए थे, जिसने भी पार्टी के खिलाफ काम किया है उसे पार्टी से निष्कासित किया जाएगा।’ वहीं, पंकजा मुंडे बैठक में मौजूद नहीं रहीं। इसे लेकर मुंगतीवाड़ ने कहा कि मुंडे पार्टी अध्यक्ष की अनुमति लेकर गैरहाजिर रही हैं।