झारखंड में दो अलग-अलग मामलों में चार जवानों की मौत हो गई। पहला मामला रांची जबकि दूसरा मामला गोमिया का है। विधानसभा चुनावों में तैनात किए गए सीआरपीएफ जवान सोमवार को आपस में ही भिड़ गए और एक दूसरे पर गोलीबारी की जिसमें असिस्टेंड कमांडेंट समेत दो अधिकारियों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, इस घटना में चार जवान घायल हो गए। गोलीबारी करने वाले जवान की पहचान दीपेंद्र यादव के रूप में हुई है। यादव पर एक पहरेदार ने गोलीबारी कर काबू पा लिया।
सोमवार को चाईबासा से द्वितीय चरण का चुनाव संपन्न कराकर लौट रहे सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों को बोकारो के गोमिया स्थित कुर्कनाला के उच्च विद्यालय और मध्य विद्यालय में सीआरपीएफ की 226वीं बटालियन को ठहराया गया था। करीब दो बजे जवान विद्यालय में पहुंचे थे। रात में करीब 8.30 में खाना खाने को लेकर दोनों विद्यालयों में ठहरे जवानों में विवाद हो गया। जिसके बाद जवानों ने एक दूसरे पर गोलीबारी शुरू कर दी।
इस गोलीबारी में सीआरपीएफ के दो अधिकारियों, असिस्टेंट कमांडेंट साहुल अहसन और एएसआइ पूर्णानंद भुइयां की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि गोली लगने से घायल दो कांस्टेबल उपेंद्र यादव और हरिश्चंद्र गोखले को रात 12 बजे हेलीकॉप्टर से इलाज के लिए रांची भेजा गया है। इनके अलावा दो घायल जवानों खुखलरी और दीपेंद्र कुमार का इलाज बोकारो में ही चल रहा है।
सिपाही ने कंपनी कमांडर पर की अंधाधुध फायरिंग
वहीं सोमवार को छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्सेज के एक जवान ने छुट्टी के विवाद में अपने एक अफसर पर अंधाधुंध फायरिंग कर उसकी जान ले ली। बाद में जवान ने खुद भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक 59 वर्षीय कंपनी कमांडर ने जवान विक्रम के खिलाफ अनुशासनहीनता और अत्यधिक शराब सेवन की शिकायत की थी, जिस पर जांच जारी थी। इसके बाद से ही दोनों में तनाव चल रहा था।