रेवाड़ी. पूरा देश महिलाओं के साथ हो रहें अपराधों को लेकर आग बबूला है और ऐसी ही खबर एक रेवाड़ी से सामने आई है, जहां एक 22 वर्षीय युवती के प्राइवेट पार्ट और सिने में गोलियां मारकर हत्या कर दी है और शव को धारूहेड़ा में सड़क किनारे फेंक दिया गया. शनिवार सुबह पुलिस को युवती का शव मिला था और तब से अबतक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा है.
बता दें कि राजस्थान के हनुमान गढ़ की रहने वाली 22 वर्षीय युवती डिप्रेशन की बिमारी के इलाज के चलते दिल्ली में रहती थी. शुक्रवार शाम युवती अपने पिता से ये कहकर घर से निकली थी की वो मार्केट जा रही है. लेकिन देर शाम तक जब बेटी वापस नहीं लौटी तो पिटा ने मोबाइल पर फोन किया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ.
सड़क किनारे मिला शव
साढ़े दस बजे बाद नम्बर स्विच ऑफ़ हो गया और 12 बजे फोन ऑन भी हुआ लेकिन बात नहीं हो पाई. शनिवार सुबह बेटी के व्हाट्सएप नम्बर से 5 बजे मैसेज आया की पापा आप चिंता ना करें मैं ठीक हूं और कहीं जा रही हूं. लेकिन उस मैसेज के एक घंटे पहले ही रेवाड़ी पुलिस को युवती का शव धारूहेड़ा-नंदरामपुर बांस रोड पर सड़क किनारे पड़ा हुआ मिला.
युवती के शरीर में चोट के निशान
प्राथमिक जांच में सामने आया की युवती शरीर पर चार चोट के निशान है. जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल भिजवाया और युवती के आधार कार्ड के आधार पर हनुमानगढ़ जिले के थाने में सम्पर्क किया गया और परिजनों को सूचना दी गई.
पोस्टमार्टम के रिपोर्ट के बाद होगा खुलासा
रविवार दोपहर तक डॉक्टर्स के बोर्ड द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराया गया और परिजनों को सौंप दिया गया. लेकिन वारदात हुए इतना वक्त बीतने के बावजूद पुलिस के हाथ खाली है. पुलिस ये कह रही है की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही साफ़ होगा की हत्या से पहले दुष्कर्म किया गया था या नहीं और किन लोगों ने किस इरादे से हत्या की वारदात को अंजाम दिया ये जाच के बाद साफ़ होगा.
पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में
फिलहाल पुलिस पूरे मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है ताकि मामला ज्यादा सुर्ख़ियों में ना आये. लेकिन माना जा रहा है की पहले युवती के साथ दुष्कर्म किया होगा और फिर उसके प्राइवेट पार्ट और सिने पर चार गोलियां मारकर हत्या कर शव को धारूहेड़ा में फेंक दिया गया. लेकिन पुलिस इतना वक्त बीतने के बावजूद अभी जल्द हत्यारों की गिरफ्तारी का दावा ही कर रही है. लेकिन हकीकत में पुलिस के हाथ कोई सुराग लगा नहीं है. ऐसे में रेवाड़ी पुलिस की कार्यशैली भी सवाल के घेरे में आ जाती है.