जिस स्कूल में बच्ची पढ़ती थी, उस स्कूल ने भी बच्ची के साहसी पिता को सम्मानित करने का फैसला किया है। फतेहपुर बेरी पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मासूम का शव परिवार को सौंप दिया।
पुलिस के मुताबिक कोमल अपने परिवार के साथ पीर बाबा गांव, जौनापुर में रहती थी। इसके परिवार में पिता रामदीन, मां और तीन बहन-भाई हैं। कोमल पास के गदईपुर स्थित नगर निगम स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा था। बुधवार दोपहर स्कूल की छुट्टी हुई तो सभी बच्चे स्कूल से निकले। करीब 1.10 बजे कोमल भी अपने भाई अनिल के साथ स्कूल से निकली।
कोमल अपनी सहेली के साथ चल रही थी। उसका भाई अनिल पीछे चल रहा था। अचानक सड़क पार करने वक्त स्कोर्पियो गाड़ी ने कोमल को टक्कर मार दी। चालक ने गाड़ी रोकी और वह कोमल को नजदीकी अस्पताल ले गया जहां से उसे एम्स ट्रामा सेंटर भेज दिया गया। वहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलते ही रामदीन अस्पताल पहुंच गए। उन्हें अस्पताल पहुंचने पर बेटी की मौत का पता चला। वहां उसने हिम्मत दिखाकर बेटी की आंखें दान करने का फैसला किया। उधर स्कूल प्रशासन को पता चला तो गुरुवार को वह कोमल के घर पहुंचा। स्कूल प्रशासन ने छुट्टी के समय एक अटेंडेंट की ड्यूटी स्कूल के बाहर लगाने का फैसला किया है।
रामदीन को बेटी की हादसे में मौत का बड़ा मलाल है। उसका कहना है कि वह बेटी को लेने जा रहा था लेकिन उसे 10 मिनट देर हो गई और बेटी हादसे का शिकार हो गई। कोमल रामदीन की सबसे छोटी बेटी थी।