नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही कैबिनेट ने डेटा प्रोटेक्शन बिल पर भी मुहर लगाई। सरकार विशेष परिस्थितियों में अहम और संवेदनशील डाटा तक राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की पहुंच का विकल्प प्रदान करने वाले और कंपनियों पर देश में ही डाटा रखने का प्राविधान तय करने वाले इस बिल को संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश करेगी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी।
शाह ने की मैराथन बैठकें
केंद्रीय गृह मंत्री शाह पिछले कुछ दिनों से विभिन्न हितधारकों के साथ विधेयक के मसले पर बैठक कर रहे थे जो कि 100 घंटे से अधिक चली। शाह ने विधेयक के विभिन्न प्रावधानों के बारे में हितधारकों के साथ चर्चा की और इसके विभिन्न पहलुओं गर भ्रम दूर करने की कोशिश की। संसद से इस विधेयक के पारित हो जाने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम शरणार्थी भारत की नागरिकता हासिल कर सकेंगे।
सांसदों को सदन में मौजूद रहने के निर्देश
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेतृत्व ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को अनुच्छेद 370 हटाने जितना ही महत्वपूर्ण बताया है। यही कारण है कि इस बिल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में पेश किए जाने के दौरान सभी पार्टी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। सूत्रों की मानें तो इस विधेयक पर कैबिनेट बुधवार को अपनी मंजूरी दे सकती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इस विधेयक का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि संसद में कई अवसरों पर पार्टी सांसदों की गैरमौजूदगी खटकती है। राजनाथ सिंह ने उन आरोपों को खारिज किया जिनमें आरोप लगाया गया था कि नागरिकता संशोधन बिल ‘पंथ निरपेक्षता’ के खिलाफ है। इस विधेयक से गैर मुसलमान ही लाभान्वित होंगे। उन्होंने विधेयक को और स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत के तीन पड़ोसी इस्लामिक देश हैं, जहां गैर मुसलमान धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं बहुसंख्यक मुसलमान नहीं।