हरियाणा सरकार ने उन प्रेमी जोड़ों के संरक्षण के लिए बड़ा कदम उठाया है, जो परिवार या समाज से जान और स्वतंत्रता के खतरे का सामना कर रहे हैं। सरकार ने हर जिले में 24×7 हेल्पडेस्क स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो ऐसे जोड़ों की शिकायतों को सुनेगी और उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगी।
तीन दिनों के भीतर कार्रवाई का आदेश
सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, प्रत्येक जिले में एक पुलिस अधिकारी (कम से कम असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर रैंक का) इस हेल्पडेस्क को देखेगा। अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि शिकायत मिलने के तीन दिनों के भीतर उस पर निर्णय लिया जाए।
अस्थायी सुरक्षा और शेल्टर की व्यवस्था
शिकायत की जांच के दौरान अगर किसी जोड़े को तत्काल खतरा महसूस होता है, तो पुलिस अधिकारी को यह अधिकार दिया गया है कि वे प्रारंभिक स्तर पर ही उन्हें सुरक्षा या शरण देने का फैसला कर सकें। इससे उन जोड़ों को संभावित हिंसा से बचाया जा सकेगा।
इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की होगी निगरानी
हेल्पडेस्क हर मामले का डिजिटल रिकॉर्ड रखेगा, जिसमें शिकायत प्राप्त करने की तारीख और समय, अधिकारी का नाम, सुनवाई की स्थिति, और जांच की वर्तमान स्थिति दर्ज की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर शिकायत पर उचित कार्रवाई हो।
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों का पालन
यह निर्णय पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा जून 2023 में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में लिया गया है। इससे पहले, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी “शक्ति वाहिनी बनाम भारत सरकार” केस की सुनवाई के दौरान अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बाद, हाई कोर्ट ने “लवप्रीत कौर बनाम पंजाब सरकार” केस में भी इसी तरह के उपायों को लागू करने का निर्देश दिया था।
सरकार ने इन सभी न्यायिक आदेशों को ध्यान में रखते हुए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार किया था, लेकिन अब इसे और प्रभावी बनाने के लिए नई हेल्पडेस्क प्रणाली शुरू की जा रही है।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार का यह कदम उन जोड़ों के लिए एक बड़ी राहत है, जो सामाजिक दबाव और हिंसा के डर से भागकर शादी करने को मजबूर होते हैं। इस पहल से न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि उनकी स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा भी होगी।