नई दिल्ली। दिल्ली सहित समूचे एनसीआर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े तेवरों को देखते हुए अब केंद्र सरकार भी सख्ती की तैयारी में है। सोमवार को पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों सहित दूसरे विभागों के आला अफसरों की बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक में साफ कहा है कि प्रदूषण की रोकथाम के नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। हर किसी की जवाबदेही और जिम्मेदारी तय होगी। सजा भी दी जाएगी।
पर्यावरण मंत्रालय के इन कड़े तेवरों को फिलहाल 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण को लेकर होने वाली सुनवाई से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, मंगलवार को लोकसभा में भी इसकी गूंज सुनाई देगी। सदन में इस पर चर्चा होनी है। वायु प्रदूषण पर बुलाई गई इस उच्च स्तरीय बैठक की जानकारी देते हुए पर्यावरण सचिव सीके मिश्र ने बताया कि बैठक में प्रदूषण पर रोकथाम के लिए अपनाए गए एक्शन प्लान की समीक्षा की गई। सभी राज्यों और जिम्मेदार एजेंसियों से उसके अमल का ब्योरा लिया गया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की ओर से वायु प्रदूषण पर रोकथाम को लेकर समय-समय पर दिए निर्देशों के अमल की भी समीक्षा की गई है। फिलहाल, इनमें से ज्यादातर उपायों पर राज्य गंभीरता से काम कर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक भले ही नहीं लग पाई है, लेकिन दोनों राज्यों में पिछले साल के मुकाबले कमी आई है। इनमें हरियाणा में सबसे ज्यादा कमी दिखी है। पर्यावरण सचिव ने बताया कि बैठक में राज्यों के साथ प्रदूषण से निपटने के लिए तुरंत ही 15 दिन का एक विशेष अभियान शुरू करने पर सहमति बनी है। दिल्ली सहित सभी पड़ोसी राज्य और दूसरी सभी एजेंसियां मिलकर पूरी ताकत के साथ अगले 15 दिन तक यह अभियान चलाएंगी। बाद में यह अभियान 31 दिसंबर तक जारी रखा जाएगा। इस दौरान पानी के छिड़काव सहित प्रदूषण पर रोकथाम के लिए किए जाने वाले सभी जरूरी उपायों को सख्ती से अपनाया जाएगा।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों के साथ नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम के डीएम और दूसरे विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए। दिल्ली के मुख्य सचिव सहित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी और दिल्ली के सभी नगर निगमों के आयुक्त मंत्रलय पहुंचे थे।