अंत°रराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का भागीदार देश एक बार फिर से मध्य एशियाई देश उज्बेकिस्तान को बनाया गया है। इससे पहले उज्बेकिस्तान 2011 और 2020 में मेले का भागीदार देश बन चुका है। वर्ष 2021 में मेले का आयोजन नहीं किया गया था। ऐसे में उज्बेकिस्तान लगातार दूसरी बार भागीदार देश बना है।इससे पहले बीते वर्ष अक्तूबर में मेले का भागीदार देश ब्रिटेन को तय किया गया था, लेकिन जनवरी में कोरोना के फैलते संक्रमण के मद्देनजर ब्रिटेन ने मेले में शिरकत करने से इनकार कर दिया। इसलिए मेला प्राधिकरण ने उज्बेकिस्तान को मौका दिया है। उज्बेकिस्तान से हस्तशिल्पियों, लोककलाकारों समेत करीब 110 लोगों का एक दल 19 मार्च तक पहुंचेगा। इनमें करीब 60 हस्तशिल्पी अपना हुनर और करीब 35 लोककलाकार अपनी प्रतिभा के दम पर उज्बेकिस्तान की लोकसंस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, मेले का स्वरूप कैसा होगा? इसका निर्णय जम्मू-कश्मीर सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद अगले सप्ताह तक तय कर लिया जाएगा। इस बार कोरोना के मद्देनजर कुछ कटौतियां की जाने की आशंका है। 35वें सूरजकुंड मेले का आयोजन 20 मार्च से तीन अप्रैल तक अरावली की वादियों के बीच लगेगा। पहली बार मेले का आयोजन फरवरी के पहले पखवाड़े के बजाय मार्च के अंतिम पखवाड़े में होगा। कोविड के कारण मेले का आयोजन नहीं हुआ। उजबेकिस्तान-2020 में, थाईलैंड-2019, किर्गिस्तान-2018, थाईलैंड-2017, जापान और चीन-2016 में, लेबनान-2015 में, श्रीलंका-2014 में, अफ्रीकन देश-2013 में, थाईलैंड-2012में, उज्बेकिस्तान-2011 में, तजाकिस्तान-2010 में और वर्ष 2009 में इजिप्ट कंट्री पार्टनर बना था।
35वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में करीब 22 देशों के हस्तशिल्पी और लोककलाकार भाग लेंगे। अभी तक करीब 20 देशों ने मेले में आने के लिए सहमति दी है। अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में विभिन्न प्रदेशों के राष्ट्रीय अवार्ड हासिल कर चुके शिल्पकारों को प्राथमिकता दी जाएगी. सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का थीम स्टेट जम्मू-कश्मीर को बनाया गया है। मेला परिसर जम्मू-कश्मीर की कला-संस्कृति से सराबोर हो जाएगा.