थानेसर नगर परिषद की ओर से अवैध रूप से दूध की डेयरी चलाने वालों पर कोई कार्रवाई न करने का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। डेयरी संचालक बेखौफ होकर नाले, नालियोें में गोबर बहा रहे है। इससे जलनिकासी की समस्या पैदा हो रही है साथ लोग नालियों से उठने वाली दुर्गंध से परेशान है। करीब चार बार सीएम विंडो में शिकायत करने और कष्ट निवारण समिति की बैठक एक बार डेयरियों को शहर से बाहर ले जाने का मुद्दा उठ चुका है।
शहर में इस समय शांती नगर, दीदार नगर, नरकातारी रोड, मसीता हाउस, खातापुर मोहल्ला, पत्थरों वाली गली, अंचला चौक, दर्रा खेड़ा, महादेव मोहल्ला, चक्रवर्ती मोहल्ला, राजेंद्र नगर, न्यू कॉलोनी, शास्त्री नगर, कैलाश नगर, आजाद नगर, कल्याण नगर, पुराना बाईपास, शेख चेहली मकबरा वाली सड़क, झांसा रोड, मोहन नगर, लायलपुर बस्ती, सिरसिला रोड, वशिष्ठ कॉलोनी सहित कई क्षेत्रों में 100 से भी ज्यादा डेयरियां अवैध रूप से चल रही हैं. डेयरी संचालक गोबर को नालियों में बहा रहे हैं, जिस वजह से नालियां अटी रहती हैं और कई बार तो ओवर फ्लो होकर सारी गंदगी सड़क पर फैल जाती है। पिछले साल ही प्रदेश सरकार ने नाली में गोबर बहाने पर रोक लगाई थी, इसका उल्लंघन करने पर 10 हजार तक के जुर्माने के साथ-साथ छह माह की कैद का भी प्रावधान रखा गया है। इसके बाद भी नगर परिषद थानेसर ने ऐसे किसी एक भी डेयरी संचालक पर कार्रवाई नहीं की। नालियों में गोबर बहाने का सिलसिला लगातार जारी है।
झांसा रोड वासी सतीश शर्मा ने कहा कि कई वर्षों से वह इस समस्या को झेल रहे हैं। ऐसा कोई अधिकारी नहीं जिसके आगे मोहल्ला वासियों ने इस समस्या को लेकर दुखड़ा न रोया हो। सुबह जब घर से बाहर निकलते हैं तो नाली में उतराती गंदगी के दर्शन होते हैं।मोहन नगर वासी रविंद्र सैनी ने कहा कि पिछले कई वर्षों से यहां ऐसे ही हालात हैं। अधिकारी लोगों की बात सुनते ही नहीं है। जब कभी नप के कर्मचारी सफाई के लिए आते हैं तो गोबर नालियों से बाहर निकाल देते हैं। उस समय गलियों से गुजरना दूभर हो जाता है।
दीपक कुमार ने कहा कि वैसे तो नालियों की सफाई बहुत कम होती है। जब सफाई कर्मी आकर नालियों से गोबर निकालकर जाते हैं तो वह दो घंटे के बाद से फिर गोबर से भर जाती हैं। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस समस्या का स्थाई समाधान किया जाना चाहिए।
शिकायत मिलने पर की जाती है कार्रवाई : बलबीर
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर रोहिला ने कहा कि नाली में गोबर बहाने की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाती है। पांच-छह डेयरी संचालकों को तो नोटिस भी दिया गया है।