हरियाणा के यमुनानगर जिले के गांव संधाए में निकली चौथी से छठी शताब्दी की अमूल्य धरोहर को बचाने के लिए हरियाणा सरस्वती बोर्ड और पुरातत्व विभाग ने कवायद तेज कर दी है। जल्द ही यह धरोहर पुरातत्व विभाग के अधीन हो जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद यहां खुदाई का कार्य आरंभ किया जाएगा। यहां से मिलने वाली ऐतिहासिक सामग्री को संरक्षित करने के लिए दो संग्रहालय बनाने की तैयारी है। दरअसल गांव संधाए सरस्वती नदी के तट पर स्थित है। हरियाणा सरस्वती बोर्ड व पुरातत्व विभाग के शोध के अनुसार यह साइट करीब 1600 साल पुरानी हो सकती है। करीब ढाई माह पहले यहां प्राचीन कालीन बर्तन, मूर्तियां और मुद्राएं मिलीं थीं। इसके बारे में जब हरियाणा सरस्वती बोर्ड और पुरातत्व विभाग को पता चला तो विभागों ने शोध करना शुरू किया। इसके बाद विभाग ने इस धरोहर को अपने अधीन करने के लिए मुख्यमंत्री से पत्राचार किया है। पुरातत्व विभाग की उप निदेशक बनानी भट्टाचार्य के मुताबिक गांव संधाए में अब तक जो प्राचीन सामग्री मिल रही है। वह कुषाण काल व गुर्जर प्रतिहार के समय की हो सकती है, क्योंकि उस दौरान कुषाण काल व गुर्जर प्रतिहार का ही समय था। यहां अब तक कुषाण काल के मृद भांड, प्राचीन मूर्तियां व सिक्के मिल चुके हैं। सरस्वती नदी के तट पर स्थित गांव संधाए की साइट प्राचीन कुषाण काल की है। इस धरोहर को पुरातत्व विभाग के अधीन करने के लिए सीएम से पत्राचार किया गया है। मंजूरी मिलने के बाद खुदाई का कार्य शुरू हो सकेगा। यहां से निकलने वाली अमूल्य सामग्री को सहेजने के लिए आदिबद्री में सरस्वती कुंड के पास और कुरुक्षेत्र में संग्रहालय भी बनाए जाएंगे, हालांकि इन संग्रहालयों पर कितना खर्च आएगा और कब बनेंगे, यह अभी तय नहीं है।