हरियाणा के भिवानी जिले के तोशाम क्षेत्र में डाडम में पहुंचे एनडीआरएफ के बचाव दल में शामिल जर्मन शेफर्ड रोड्रिक की मदद से मलबे में फंसे एक व्यक्ति के शव को बाहर निकाला जा सका। शनिवार रात दो बजकर 11 मिनट पर बचाव अभियान के दौरान रोड्रिक ने गंध से पता लगाया और वहां जाकर भौंका।
रात के समय बचाव दल ने मलबे में फंसी एक पोकलैंड मशीन के ऑपरेटर का शव बाहर निकाला। मृतक की पहचान पंजाब के होशियारपुर जिले के बिसवाह थाने के अंतर्गत आने वाले गांव कोई निवासी दिनेश दत्त के रूप में हुई। जिस समय पहाड़ खिसका, उस समय दिनेश पोकलैंड मशीन से पत्थर तोड़ने का काम कर रहा था।
दो जर्मन शेफर्ड भी सर्च अभियान में जुटे
एनडीआरएफ की टीम में दो जर्मन शेफर्ड कुत्ते भी शामिल हैं। इनके नाम रोड्रिक और टेस्टमनी हैं। बाकी टीम के साथ ये दोनों भी पूरी रात सर्च अभियान में शामिल रहे। रात को रोड्रिक ने ही दिनेश के शव का पता लगाया था। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट बीआर मीणा ने बताया कि दोनों ही कुत्तों की सूंघने की क्षमता काफी तेज है।
छह वाहन निकाले, अब फंसा है एक डंपर
बीआर मीणा ने बताया कि प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार पहाड़ के मलबे में सात वाहन फंसे थे। उनमें से छह को निकाला जा चुका है। इनमें दो पोकलैंड मशीन और चार डंपर शामिल हैं। अब एक डंपर बचा है। उनको निकालने के लिए बचाव दल लगातार प्रयास कर रहा है।
रेस्क्यू रडार की भी ली जा रही मदद
मलबे में फंसे लोगों को खोजने के लिए रेस्क्यू रडार की मदद भी ली जा रही है। यह एक विशेष तकनीक होती है जो इस तरह की स्थिति में किसी इंसान के होने का अंदाजा बताती है।
ब्लास्ट कर तोड़ा जाएगा सात टन का पत्थर
एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट बीआर मीणा ने बताया कि जिस पत्थर के नीचे डंपर दबा हुआ है, वह अंदाजन सात टन का है। उनकी लंबाई 40 फुट और चौड़ाई तीस फुट है। उन्होंने बताया कि इस विशाल पत्थर को तोड़ने के लिए ब्लास्ट का सहारा लेना पड़ेगा। ये ब्लास्ट काफी हल्के स्तर के होंगे, क्योंकि बड़े ब्लास्ट करने से और पहाड़ खिसकने का खतरा पैदा हो जाएगा। पत्थर को तीन ओर से ड्रिल भी किया जा रहा है।
दिनेश को ढूंढते हुए भिवानी पहुंचे परिजन
भिवानी। हादसे में मारे जाने वाले चौथे व्यक्ति दिनेश दत्त को ढूंढते हुए उनके परिजन रविवार को भिवानी नागरिक अस्पताल में पहुंचे। दिनेश दत्त के भाई दिनेश तूफान ने बताया कि उसके आसपास के गांवों से कुल पांच लोग यहां काम करने आए हुए थे। दिनेश दत्त के बाकी साथियों ने फोन पर इस घटना के बारे में बताया। उसके बाद वे शव लेने के लिए यहां पहुंचे हैं।