इलाज में डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मौत, डॉक्टर का लाइसेंस रद
नई दिल्ली। पेट में दर्द व सूजन के कारण साकेत स्थित मैक्स अस्पताल इलाज के लिए पहुंची शोभा (46) की इलाज में डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मौत हो गई। इसके लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने मैक्स अस्पताल के सर्जन डॉ. हरीश कपिला को इलाज में लापरवाही का दोषी ठहराया है और एक माह के लिए उनका लाइसेंस निलंबित कर दिया है। साथ ही डॉक्टर को अपनी दक्षता बढ़ाने के भी निर्देश दिया है।
संगम विहार निवासी राम बाबू ने बताया कि मैक्स अस्पताल के डॉक्टर ने सर्जरी में गलती की थी। इसलिए भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) में मामले की शिकायत की थी। एमसीआइ ने इस मामले को डीएमसी में स्थानांतरित कर जांच करने का निर्देश दिया था। डीएमसी के आदेश में कहा गया है कि शोभा के पेट में दर्द व सूजन रहती थी। इस वजह से परिजन उन्हें लेकर मैक्स अस्पताल गए थे। वहां डॉ. हरीश कपिला ने 7 दिसंबर, 2016 को सर्जरी की थी। इस दौरान मरीज के पेट में मेश (एक तरह की ङिाल्ली जो सर्जरी के दौरान स्थायी या अस्थायी तौर पर अंगों पर लगाई जाती है) भी लगाया गया। सर्जरी के तीन दिन बाद दोबारा दर्द शुरू हुआ तो शोभा को मैक्स अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती किया गया। तब उनकी दोबारा सर्जरी की गई और संक्रमित हो चुके मेश को निकाल दिया गया।
डीएमसी ने अपने आदेश में कहा है कि महिला मरीज को पहले से पेट में टीबी की बीमारी थी। इस बारे में यह स्पष्ट नहीं था कि उन्होंने टीबी का पूरा इलाज कराया था या नहीं। सर्जरी से पहले डॉक्टर ने इस तथ्य को नजरअंदाज किया और प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया। हालांकि डॉ. हरीश व मैक्स अस्पताल प्रशासन ने डीएमसी को दिए अपने जवाब में इलाज में लापरवाही से इन्कार किया है।
राम बाबू ने बताया कि मैक्स अस्पताल में कई दिनों तक भर्ती रखने के बावजूद शोभा की हालत बिगड़ती चली गई। इस वजह से उन्हें गंगाराम अस्पताल गए। गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने भी प्रयास किए लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ तो शोभा को बत्र अस्पताल मेले जाया गया। करीब 18-20 लाख रुपया खर्च करने के बावजूद उनकी मौत हो गई।
महज एक माह के लिए लाइंसेंस निलंबित होने पर उठे सवाल
इलाज में लापरवाही से मौत के मामले में महज एक माह के लिए लाइसेंस रद करने पर सवाल भी उठ रहे हैं। डीएमसी के सदस्य डॉ. नरेंद्र सैनी ने कहा कि कार्रवाई लापरवाही के स्तर निर्भर करती है। मेडिकल एरर होता है लेकिन यह कैसे और क्यों हुआ यह महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों में कुछ लोग अदालत में जाते हैं वहां इलाज में लापरवाही साबित होने पर सजा अलग तरह से दी जाती है।