Income Tax Latest News: इनकम टैक्स चोरी (Income Tax Fraud) को लेकर सरकार काफी सख्ती बरत रही है. आयकर अधिनियम की धारा 69 (A) के तहत पिछले वित्त वर्ष के दौरान अगर आपने अपने बैंक अकाउंट में कोई ऐसी बड़ी रकम ट्रांसफर की है, जिसके सोर्स के बारे में आपने जानकारी नहीं दी है तो IT विभाग आप पर भारी भरकम जुर्माना लगा सकता है. Also Read – नोटिस मिलने पर NCP चीफ शरद पवार बोले- आईटी विभाग कुछ लोगों से प्यार करता है
Livemint की खबर के अनुसार, आयकर अधिनियम की धारा 69A (Section 69A of Income Tax Act) के तहत अगर कोई भी शख्स पैसा, सोना, ज्वैलरी या अन्य कीमती चीजों का मालिक पाया जाता है और इसका रिकॉर्ड उस व्यक्ति के पास नहीं है और वह इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाता है तो उसे करदाता का आया माना जाएगा. इतना ही नहीं अगर इनकम टैक्स एसेस करने वाला अधिकारी आपके किसी संपत्ति से जुड़े सवाल से संतुष्ट नहीं है तो भी उस रकम को इनकम ही माना जाएगा और इसपर टैक्स देय होगा. Also Read – IT विभाग का संगीतकार ए.आर. रहमान पर टैक्स चोरी का आरोप, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
ऐसे Unexplained Amount पर 83.25 फीसदी की उच्च दर से टैक्स लगता है. इस 83.25% में 60% टैक्स, 25% सरचार्ज और 6% पेनल्टी शामिल होता है. हालांकि नकद क्रेडिट को अगर पहले ही आय आय में शामिल कर लिया गया हो और उस पर टैक्स दे दिया गया हो तो 6 फीसदी का जुर्माना लागू नहीं किया जाएगा. Also Read – ITR 2019-20 Online Filing: भरने जा रहे हैं ऑनलाइन आईटीआर फॉर्म तो इन बातों का रखें खास ध्यान, जानें क्या है प्रॉसेस
इसके साथ ही पैसा, सोना या अन्य किसी कीमती वस्तुओं के अलावा अगर टैक्सपेयर के बैंक अकाउंट में कोई कैश क्रेडिट हुआ और वह इसका स्पष्टीकरण नहीं दे पाता है या टैक्स अथॉरिटी स्पष्टीकारण से संतुष्ट नहीं हुए तब भी उसे 83.25 फीसदी की उच्च दर से टैक्स देना पड़ेगा.
चालू वित्त वर्ष में अब तक 24.64 लाख करदाताओं को आयकर रिफंड
उधर, आयकर विभाग ने शुक्रवार को कहा कि उसने चालू वित्त वर्ष में अभी तक 24 लाख से अधिक करदाताओं को 88,652 करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए हैं. इसमें 23.05 लाख करदाताओं को जारी किया गया 28,180 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) और 1.58 लाख से अधिक करदाताओं को जारी किया गया 60,472 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर शामिल है.
आयकर विभाग ने ट्वीट किया, ‘सीबीडीटी ने एक अप्रैल 2020 से अब तक 24.64 लाख से अधिक करदाताओं को 88,652 करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए हैं. कुल 23,05,726 मामलों में 28,180 करोड़ रुपये के आयकर रिफंड जारी किए गए हैं और 1,58,280 मामलों में 60,472 करोड़ रुपये के कॉरपोरेट रिफंड जारी किए गए हैं.’