अपनी तय उम्र के नजदीक पहुंच चुकी मेट्रो ट्रेन को परिचालन से हटाने के बजाए डीएमआरसी उसे उन्नत तकनीक से लैस करेगी। डीएमआरसी ने करीब 17-18 साल पुराने ऐसे 280 मेट्रो ट्रेन कोच को पहले चरण में अपग्रेड करने के लिए चिन्हित किया है।
इन सभी मेट्रो ट्रेन कोच का परिचालन सबसे पुरानी और पहली रेड लाइन (रिठाला से गाजियाबाद) के बीच होता है।
वर्तमान में रेड लाइन का पूरा नेटवर्क 34.4 किलोमीटर का है। इसपर कुल 29 स्टेशन हैं। यह दिल्ली और गाजियाबाद को आपस में सीधे जोड़ती है। इस पूरे नेटवर्क को पांच चरण में पूरा किया गया है। पहला शाहदरा से तीस हजारी तक 8.3 किलोमीटर का सेक्शन दिसंबर 2002 में खोला गया था। उसके बाद 2003 में इसे तीस हजारी से इंद्रलोक तक बढ़ाया गया। अब यह रिठाला से गाजियाबाद तक जाता है।
मेट्रो प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने कहा है कि रेड लाइन पर चलने वाली कई ट्रेन हैं जो 17 से 18 साल पुरानी हैं। मगर यह पूरी तरह सुरक्षित हैं। ट्रेन की समय-समय पर पूरी जांच होती है। सुरक्षा के लिहाज से ये बिल्कुल ठीक हैं। आगे उनका परिचालन जारी रखा जाएगा। हां देखने में ये ट्रेन थोड़ी पुरानी हो गई हैं। वहीं, वातानुकूलित सिस्टम भी पुराने हो गए हैं। इसलिए हम ट्रेन को हटाने के बजाए उसे नया रूप देने के साथ अपग्रेड करने पर काम करेंगे। पहले चरण में करीब 280 कोच को चिन्हित किया गया है।
उनके मुताबिक पुरानी ट्रेन में वातानुकूलित सिस्टम को बेहतर किया जाएगा। अंदर ट्रेन की फर्श को ठीक किया जाएगा। कौन सा स्टेशन आने वाला है यह बताने के लिए अभी पुरानी ट्रेन में स्टीकर लगे हैं जिन्हें बदलकर डिजिटल संकेतक लगेंगे। इनमें डिजिटल स्क्रीन भी लगाई जाएंगी। इसके अलावा जो भी नई संभावनाएं होंगी उसे पुरानी ट्रेन को नया रूप देने में शामिल करेंगे।