पूजा के शुभ फल :
- पापों से मुक्ति प्राप्त करने में सहायक होता है।
- शनि के नकारात्मक प्रभाव नष्ट होते है।
- स्वास्थ्य और धन की प्राप्ति होती है।
- लंबे समय से चली आ रही बीमारियों को ठीक करता है।
- दुश्मनों के विनाश में सहायता होती है।
शनि त्रयोदशी – दंडाधिकारी शनि देव की कृपा प्राप्ति का सबसे प्रभावशाली दिन
हिन्दू धार्मिक कथाओं के अनुसार शनि देव न्याय के देवता है। वह बिना किसी भक्त के साथ भेद – भाव किए उन्हें अपने कर्म के अनुसार ही फल प्रदान करते है। कहा जाता है की यदि किसी व्यक्ति के जीवन में शनि की स्थिति सही नहीं होती तो उसे त्रयोदशी पर शनि देव का पूजन अवश्य करना चाहिए , इससे व्यक्ति को प्रभावशाली परिणाम प्राप्त होतें है। उनकी कृपा से भक्तों के जीवन से समस्त कष्ट दूर हो जातें है अर्थात उन्हें गरीबी एवं दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता है। इस दिन शनि देव का पूजन करने से अष्टम शनि एवं अंतर दशा से भी मुक्ति मिलती है।
शनि की चाल वक्री होती है। किसी भी व्यक्ति के ऊपर यदि उनके बुरें प्रभाव पड़ जाएं तो उसका जीवन दुखों से भर जाता है।शनि त्रयोदशी , शनिदेव को प्रसन्न करने का एक सफल उपाय माना जाता है। इस दिन उनसे मांगी गई समस्त इच्छाएं भी पूर्ण हो जाती है।
हमारी सेवाएं :-
हमारे पंडित जी द्वारा तेल अभिषेक से पहले आपको संकल्प करवाया जाएगा। तत पश्चात् शनिदेव का अभिषेक किया जाएगा।
प्रसाद:
- काला धागा : गले में पहनने हेतु
- शनि चालीसा
- शनि छल्ला : शनि पीड़ा से मुक्ति के लिए